निर्मला सीतारमण ने गुरुवार 7 सितम्बर को रक्षामंत्री के तौर पर पदभार संभाला लिया। पदभार संभालते ही रक्षामंत्री एक्शन में आ गई हैं। पद संभालने के तुरंत बाद ही उन्होंने अपने पहले फैसले के तौर पर रक्षा मंत्री एक्स-सर्विसमेन फंड (आरएमईडब्ल्यूएफ) से वित्तीय सहायता को मंजूरी दी।रक्षा मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद वो भारत-पाक सीमा के नजदीक उत्तरलाई वायु सेना स्टेशन पहुंची।
रक्षा मंत्री के उत्तरलाई पहुंचते ही जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
वहीं उन्होंने पहली बार मिग 21 बाइसन की कॉकपिट फाइटर जेट में बैठ उसकी ताकत को समझा।
उत्तरलाई-राजस्थान में वायु सेना स्टेशन में वायु सेना के कर्मियों के साथ बातचीत भी की।
रक्षा मंत्री ने वायु सेना स्टेशन पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल का जायजा भी लिया।
निर्मला सीतारमण 16 साल बाद इस सेंसेटिव एयरबेस पर जाने वाली पहली डिफेंस मिनिस्टर हैं। उनसे पहले साल 2001 में जॉर्ज फर्नाडीस ने इस एयरबेस का दौरा किया था। उन्होंने 8685 पूर्व सैनिकों, विधवाओं और आश्रित सैनिकों के लिए आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे फंड से 13 करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान जारी किया।
रक्षा मंत्री बनने के हफ्तेभर के भीतर ही निर्मला सीतारमण बॉर्डर दौरे पर भी जा रही हैं।
रक्षा मंत्री ने पणजी में ‘नविका सागर परिक्रमा’ अभियान को हरी झंडी दिखाई। पोत के जरिए विश्व की परिक्रमा करने वाले इस महत्वपूर्ण अभियान का प्रबंधन भारतीय नौसेना के जिन क्रू-सदस्यों के हाथ में है, चालक दल में सभी महिलाएं हैं। निर्मला सीतारमण ने महिला क्रू-सदस्यों को सैल्यूट भी किया। इस मौके पर उनके साथ पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा क सीएम मनोहर पर्रिकर भी।