बिहार राजनीति

बिहार कांग्रेस में भीतरघात और अंदरूनी कलह जोरों पर

पटना : बिहार कांग्रेस के अंदर गुटबाजी ने माहौल को गरम कर दिया है। स्थिति यह है कि अंदर के कलह की तस्वीरें अब सार्वजनिक रूप से मीडिया में भी दिख रही हैं। गुरुवार को एक क्षेत्रीय चैनल से बातचीत में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अशोक चौधरी के कैमरे के सामने आंसू निकल गये। अशोक चौधरी रो पड़े। अशोक चौधरी के दर्द को करीब से देखने वाले उनके नजदीकियों की मानें, तो हाल में कांग्रेस में जो भीतरघात चल रही है, उसे लेकर डॉ. अशोक चौधरी पूरी तरह टूट चुके हैं। बिहार में पार्टी की कमान संभाल रहे चौधरी ने चैनल से बातचीत में कहा कि मैंने 25 साल की उम्र से इस पार्टी को ज्वाइन किया। 4 साल से बिहार में पार्टी को खड़ा करने में लगे हुए हैं। मेरी वफादारी पर शक किया जा रहा है। इतना कहने के साथ ही अशोक चौधरी रो पड़े।

डॉ. अशोक चौधरी ने पार्टी के बड़े नेताओं पर भी बड़ा आरोप लगाया और कहा कि ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के बड़े नेता ही इस सारे खेल को खेल रहे हैं। चौधरी ने कहा कि कुछ बड़े नेता अपने चहेतों को बिहार में पार्टी का अध्यक्ष बनाना चाहते हैं। चौधरी ने कहा कि पार्टी को मेरी वफादारी पर कोई शंका नहीं है लेकिन दिल्ली में बैठे कुछ सीनियर नेता मुझे बिहार में प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाना चाहते हैं। उसके लिए बड़ा गेम किया जा रहा है। इससे पूर्व कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को राज्य के विधायकों से मुलाकात की और राज्य के राजनीतिक हालात पर चर्चा की। राहुल की बिहार के पार्टी विधायकों के साथ हुई इस बैठक में पार्टी महासचिव और राज्य के प्रभारी डॉ. सी पी जोशी भी मौजूद थे। जोशी ने मीडिया से कहा था कि बिहार के पार्टी विधायकों के साथ राहुल गांधी ने आज भी मुलाकात की।

इधर, बिहार में कांग्रेस पहले जदयू एवं राजद के साथ सत्तारूढ़ महागठबंधन में शामिल थी। बाद में जदयू के भाजपा के साथ हाथ मिलाने के बाद राजद एवं कांग्रेस विपक्ष में आ गयी है। कांग्रेस में बिखराव को लेकर अटकलों को बल महागठबंधन के बिखराव के बाद स्थानीय कांग्रेस नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना करने में नरम रवैया बरते जाने के कारण मिल रहा है। साथ ही बिहार में व्यवस्था परिवर्तन होने के बावजूद महागठबंधन सरकार में शामिल रहे राजद के मंत्रियों को बंगला खाली करने का नोटिस तो दिया गया पर कांग्रेस कोटे के मंत्रियों में से अशोक चौधरी और अवधेश कुमार सिंह से सरकारी बंगला खाली नहीं करवाया गया। महागठबंधन से नाता तोड़ने के बाद भाजपा के साथ बिहार में बनायी गयी राजग की नई सरकार में नीतीश ने आठ मंत्रियों की जगह अभी खाली छोड़ रखी है। इसके बारे में अटकलें लगायी जा रही हैं कि ये जगह कांग्रेस छोडकर आने वालों के लिए रखी गयी हैं। किंतु जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने साफ कहा है कि उनकी पार्टी अन्य दलों को तोड़ने की इच्छुक नहीं है।

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