गुजरात इस बार फिर बाढ़ ग्रस्त बिहार को 5 करोड़ की मदद दे रहा है। पिछली बार जब गुजरात सरकार ने मदद दी थी तब राजनीतिक कारणों की वजह से 2010 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 5 करोड़ रुपए लौटा दिए थे। लेकिन ये संयोग ही है कि 2008 के बाद बिहार में इसी साल सबसे ज्यादा तबाही वाली बाढ़ भी आई है। गुरूवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी के राजस्व मंत्री भूपेन्द्रसी चुडसामा पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 5 करोड़ का चेक देंगे। उस समय बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी भी मौजूद रहेंगे। यह 5 करोड़ रूपए बिहार में बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में जाएगा। बिहार में इस साल बाढ़ से भारी तबाही हुई है इसलिए विभिन्न वर्गों से बाढ़ पीडितों की मदद के लिए लोग अपना अंशदान दे रहे हैं।
बता दें कि 2008 में बिहार के कोसी नदी का बांध टूट जाने की वजह से कोसी इलाके में भारी तबाही हुई थी। 2008 में गुजरात सरकार ने 5 करोड़ की मदद भेजी थी। उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी थे। लेकिन 2010 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारणी की बैठक पटना में हो रही थी। उसी दौरान कुछ उत्साही बीजेपी के कार्यकर्ताओं ने पटना में पोस्टर लगा दिया था कि गुजरात ने बिहार को 5 करोड़ की मदद की थी। इससे नाराज मुख्यमंत्री ने गुजरात के पैसे लौटा दिए थे और बीजेपी नेताओं के सम्मान में मुख्यमंत्री आवास में होने वाले भोज को भी रद्द कर दिया था। लेकिन इस बार फिर गुजरात के इस मदद से राजनीति सुगबुगाने लगी। नीतीश कुमार ने हाल ही बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई है और उसके बाद वो अब एनडीए में भी एक बार फिर शामिल हो गए हैं। 2008 के बाद 2017 में गुजरात से मदद मिल रही है हालांकि इस दौरान कोई बड़ी बाढ़ भी नहीं आई।
लेकिन, दोनों की परिस्थियों में अब बहुत अंतर है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पुरानी बातों को याद करने से कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में इस साल भयानक बाढ़ को देखते हुए कई राज्यों ने मदद दी है। केवल गुजरात ही नहीं मध्यप्रदेश, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी के मंत्रियों ने अपनी सैलेरी का 1 लाख और विधायक 30 हजार दे रहे हैं। लेकिन आरजेडी और कांग्रेस के किसी विधायक ने अभी तक कुछ नहीं दिया है।