वही हुआ जिसकी आशंका थी। निर्भीक पत्रकार गौरी लंकेश को इस अनहोनी का अहसास हो चुका था। तभी शायद उनके जेहन में ये साफ रहा होगा कि एक खास विचारधारा का विरोध उनकी जिंदगी को मौत में बदल सकता है। जैसा कुलबर्गी, दाभोलकर या पनसारे के साथ हुआ। गौरी ने कर्नाटक के पुलिस प्रमुख आर के दत्ता को भी बताया था कि उनकी जान को खतरा है। पुलिस महानिदेशक आर के दत्ता दत्ता ने बताया कि पत्रकार गौरी लंकेश ने उनके साथ कई मुलाकातों के दौरान अपने जीवन पर खतरा बताया था। यहां तक की गौरी ने कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा था कि उनकी जान को खतरा है, लेकिन अब प्रशासन का कहना है कि गौरी ने कभी भी अपने लिए सुरक्षा नहीं मांगी। ऐसे में उनको सुरक्षा कैसे दी जा सकती थी।
गौरी लंकेश के भाई और फिल्म निर्माता इंद्रजीत लंकेश ने बताया कि सीसीटीवी में पूरी वारदात कैद हो गई है। मोबाइल फोन से भी ठोस सबूत मिले हैं। पुलिस ने हार्ड डिस्क भी बरामद कर लिया है। गेट और दरवाजे के पास लगे दो सीसीटीवी कैमरों में बिना लाइट के भी पूरी घटना दर्ज हो गई है। फुटेज से हम यह पता लगा सकते हैं कि असल में वहां क्या हुआ होगा। गौरी लंकेश ने कुछ समय पहले बीजेपी नेताओं के खिलाफ एक रिपोर्ट छापी थी। इसके बाद पिछले साल ही बीजेपी सांसद प्रह्लाद जोशी ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी किया था। लेकिन अब गौरी लंकेश की हत्या से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी सकते में है। उसने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए पुलिस से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
बताते चलें कि मंगलवार रात करीब सवा आठ बजे गौरी लंकेश अपनी सफेद कार से राज राजेश्वरी नगर स्थित अपने घर पर पहुंची। कार पार्क कर घर के तरफ बढ़ी ही कि बरामदे के पास बाइक से आए गुंडों ने घेरकर ताबड़तोड़ फायर करना शुरु कर दिया। गौरी को चार गोलियां लगी। इनमें से तीन उनके माथे पर लगी। इसके बाद गोरी वहीं ढेर हो गईं।