breaking news

49 बच्चों की मौत, DM सहित कई अधिकारियों पर गिरी गाज

यूपी के फर्रुखाबाद स्थित राम मनोहर लोहिया राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में एक महीने के दौरान 49 बच्चों की मौत के मामले में प्रदेश सरकार ने कड़ी कार्रवाई करते हुए जिलाधिकारी (DM), मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) और जिला महिला अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (CMS) का तबादला कर दिया है। जिला प्रशासन की रिपोर्ट में जांच में ऑक्सीजन की कमी और इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में रविवार रात शहर कोतवाली में नगर मजिस्ट्रेट जयनेंद्र कुमार जैन की तहरीर पर सीएमओ, सीएमएस और अन्य के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि इस साल 20 जुलाई से 21 अगस्त के बीच राम मनोहर लोहिया राजकीय संयुक्त चिकित्सालय में 49 शिशुओं की मौत हुई, जिनमें 19 पैदा होते ही मर गए। मीडिया में खबर आने के बाद जिलाधिकारी रविंद्र कुमार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी उमाकांत पांडेय की अध्यक्षता में समिति बनाकर जांच कराई। समिति के निष्कर्षों से संतुष्ट न होने के बाद जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रेट जांच कराई थी, जिसके आधार पर आरोपी चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। मामला दर्ज कराने वाले नगर मजिस्ट्रेट जयनेंद्र जैन की शिकायत के मुताबिक, सीएमओ और सीएमएस की ओर से दी गई 30 मृत बच्चों की लिस्ट में से ज्यादातर की मौत का कारण ‘पैरीनेटल एस्फिक्सिया ‘ बताया गया है। हालांकि, इन बच्चों के परिजनों ने जांच अधिकारी को फोन पर बताया था कि डॉक्टरों ने नवजातों को समय पर ऑक्सीजन नहीं लगाई और न ही कोई दवा दी थी। इससे साफ है कि अधिकतर शिशुओं की मौत पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने के कारण हुई।

प्रवक्ता के अनुसार स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि पैरीनेटल एस्फिक्सिया के कई कारण हो सकते हैं। सही कारण तकनीकी जांच के बाद ही साफ हो पाएगा। शासन स्तर से टीम भेजकर जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बच्चों की मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके। इस बीच, डीएम रविंद्र कुमार के निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट जयनेन्द्र कुमार जैन और उप-जिलाधिकारी (सदर) अजीत कुमार सिंह ने मौके पर जाकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी की। जांच में पाया गया कि ऑक्सीजन न मिल पाने और इलाज में लापरवाही के कारण बच्चों की मौत हुई थी। नगर मजिस्ट्रेट ने शहर कोतवाली में दी गई तहरीर में कहा कि जिलाधिकारी ने इस अस्पताल के एनआईसीयू में पिछले छह महीने में भर्ती हुए शिशुओं में से मृत बच्चों की पूरी जानकारी देने के निर्देश दिए थे, लेकिन सीएमओ और सीएमएस ने आदेशों की अवहेलना करते हुए पूरी जानकारी नहीं दी।

जिलाधिकारी ने 30 अगस्त को जुलाई-अगस्त में 49 बच्चों की मौत के संबंध में भी एक टीम गठित कर प्रत्येक बच्चे की मौत के कारण सहित शिशुवार रिपोर्ट तीन दिन के अंदर देने को कहा था। इस टीम में भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक शामिल थे। एक बार फिर आदेश की अवहेलना करते हुए अपूर्ण और भ्रामक रिपोर्ट पेश की गई। डीएम रविंद्र कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर नगर मजिस्ट्रेट ने सीएमओ और सीएसएम के खिलाफ धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 176 (जानकारी छिपाने) और (188) आदेश की अवहेलना के तहत शहर कोतवाली में मामला दर्ज कराया है। गौरतलब है कि यह घटना ऐसे वक्त सामने आई है जब गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में 10-11 अगस्त को कथित रूप से ऑक्सीजन की कमी की वजह से 30 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य राजीव मिश्र समेत नौ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। बाद एसटीएफ ने राजीव मिश्र और इन्सेफलाइटिस वॉर्ड के इंचार्ज रहे डॉक्टर कफील खान को गिरफ्तार कर लिया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *