ब्रिक्स देशों ने आज तालिबान, अल- कायदा और पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा एवं जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकी संगठनों द्वारा की जाने वाली हिंसा पर गंभीर चिंता जाहिर की। इसके साथ ही इन देशों ने आतंकवाद से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक समझौते को शीघ्रता से अंगीकार करने की मांग की।
ब्रिक्स का घोषणा पत्र
ब्राजील, रूस्, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका ने सभी देशों से अपील की कि वे आतंकवाद से निपटने के लिए एक समग्र रूख अपनाए। आतंकवाद से निपटने के क्रम में चरमपंथ से निपटने और आतंकियों के वित्त पोषण के स्रोतों को अवरूद्ध करने की भी बात की गई। समूह ने क्षेत्र की सुरक्षा स्थिति के साथ-साथ तालिबान, आईएसआईएस, अल-कायदा और लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद एवं हक्कानी नेटवर्क समेत इसके सहयोगी संगठनों द्वारा की जाने वाली हिंसा पर चिंता जाहिर की। समूह ने ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट और इस्लामिक मूवमेंट ऑफ उज्बेकिस्तान, तहरीक-ए-तालिबान और हिज्ब उत-तहरीर जैसे आतंकी संगठनों का भी जिक्र किया। ब्रिक्स ने कहा कि हम संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से कंप्रीहेंसिव कन्वेंशन ऑन इंटरनेशनल टेरेरिज्म अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर समग्र समझौते को जल्दी ही अंतिम रूप दिए जाने और इसे अंगीकार किए जाने की मांग करते हैं।
भारत ने उठाया आतंकवाद का मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन के लिए चीन के शहर श्यामेन में हैं। पीएम ने ब्रिक्स बैठक में बोलते हुए कहा कि सभी देशों में शांति के लिए ब्रिक्स देशों का एकजुट रहना जरूरी है। उन्होंने सम्मेलन में आतंकवाद का भी मुद्दा उठाया। इस पर अन्य सदस्य देशों ने भी चिंता जताई। इससे पहले चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया। बता दें कि ये ब्रिक्स का 9वां सम्मेलन है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकास को आगे ले जाने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच मजबूत भागीदारी का आज आह्वान किया। उन्होंने कहा कि इस ब्लॉक ने सहयोग के लिए एक मजबूत ढांचा विकसित किया है और अनिश्चितता की तरफ बढ़ रही दुनिया में स्थिरता के लिए योगदान दिया है। मोदी ने आंतकवाद का भी मुद्दा उठाया। इस पर ब्रिक्स देशों ने क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति और तालिबान, अल-कायदा, पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा एवं जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी समूहों द्वारा की जा रही हिंसा पर चिंता जतायी। चीन के शियामन शहर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि व्यापार और अर्थव्यवस्था ब्रिक्स-ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के बीच सहयोग का आधार हैं। उन्होंने विकासशील देशों की संप्रभु और कॉरपोरेट कंपनियों की वित्तीय आवयश्यकताओं को पूरा करने के लिए ब्रिक्स रेटिंग एजेंसी बनाए जाने का भी आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि नवोन्मेष और डिजिटल अर्थव्यवस्था पर सदस्य देशों के बीच मजबूत भागीदारी विकास को आगे ले जाने, पारदर्शिता को बढ़ाने और सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन करने में मदद कर सकती है। उन्होंने सदस्य देशों के सेंट्रल बैंकों से अपनी क्षमताओं को और बढ़ाने और समूह तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की आकस्मिक विदेशी मुद्रा कोष व्यवस्था के बीच सहयोग को बढ़ावा देने का भी आग्रह किया।
मोदी ने स्मार्ट शहरों, नगरीकरण और आपदा प्रबंधन में सहयोग की रफ्तार बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स ने सहयोग, स्थिरता में योगदान तथा अनिश्चितता की दिशा में बढ़ रही दुनिया में विकास के लिए एक मजबूत ढांचा विकसित किया है। हमारे प्रयास आज कृषि, संस्कृति, पर्यावरण, ऊर्जा, खेल तथा सूचना एवं प्रौद्योगिकी जैसे विविध क्षेत्रों से जुड़े हैं। मोदी ने कहा कि गरीबी उन्मूलन और स्वास्थ्य, स्वच्छता, कौशल, खाद्य सुरक्षा, लैंगिक समानता, ऊर्जा तथा शिक्षा सुनश्चित करने के लिए समूह मिशन मोड में है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण कार्यक्रम उत्पादकता बढ़ाने वाले कार्यक्रम हैं जो महिलाओं को राष्ट्र निर्माण की मुख्यधारा में लाते हैं।
अंतरराष्ट्रीय शांति और विकास के लिए सभी करें काम- जिनपिंग
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि जिस तरह से दुनिया में परिवर्तन हुए हैं, उसके बाद ब्रिक्स में देशों का सहयोग अधिक महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय परिस्थितियों में हमारे मतभेदों के बावजूद हमारे 5 देश डीजीएचपीएनएटी के समान चरण में हैं और समान विकास साझा करते हैं। हमें एक आवाज से बात करनी चाहिए और अंतरराष्ट्रीय शांति एवं विकास से संबंधित मुद्दों के लिए संयुक्त रूप से समाधान पेश करना चाहिए। चीन ने एनडीबी परियोजना तैयार करने के लिए 4 मिलियन अमेरिकन डॉलर का योगदान दिया है ताकि बैंक का संचालन और और उसका विकसा लंबे समय तक किया जा सके। शी ने कहा कि दुनिया के अन्य भागों से भी हमें अपने संबंध मधुर बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स के हम 5 देश वैश्विक शासन में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। इसलिए हमारे सहयोग के बिना दुनिया की चुनौतियों का समाधान नहीं हो सकता।
चीन के श्यामन शहर में चल रहा है ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
नौवां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चीन के इस बंदरगाह शहर श्यामन के कन्वेशन सेंटर में हो रहा है और मोदी यहां पहुंचने वाले तीसरे नेता थे। उनके बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यहां पहुंचे। बता दें कि मोदी की कल शी के साथ एक द्विपक्षीय बैठक भी होने वाली है। विवादित डोकलाम इलाके में भारत और चीन के बीच दो माह तक चले गतिरोध के बाद दोनों देशों ने 28 अगस्त को अपने-अपने सीमाई सैनिकों को वापस बुलाने का फैसला किया था जिसके बाद पहली बार ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के नेताओं की मुलाकात हो रही है। सम्मेलन के लिए यहां आए नेता एक पूर्ण सत्र में भी हिस्सा लेंगे जहां वे प्रमुख क्षेत्रों में ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करेंगे। इसके अलावा ये नेता, वैश्विक अर्थव्यवस्था और चुनौतियों सहित महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी मंथन करेंगे। शिखर सम्मेलन श्यामन घोषणापत्र को मंजूरी मिलने के साथ ही संपन्न हो जाएगा। यह घोषणापत्र सम्मेलन में हुए विचार विमशों और भावी रूपरेखा की झलक पेश करेगा।