केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बुधवार को सूचित किया है कि आधार को केन्द्र सरकार की अलग-अलग योजनाओं से जोड़ने के लिए अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया है। अटॉर्नी जनरल केके वेनुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि मौजूदा समय में 30 से अधिक सरकारी स्कीमों का फायदा लेने के लिए आधार से लिंकिंग का काम 30 सितंबर तक करने के लिए कहा गया था. अब इस तिथि को 3 महीने आगे बढ़ा दिया गया है। केन्द्र सरकार के वकील की तरफ से यह सफाई कोर्ट में तब दी गई जब आधार के विरोध में पड़ी याचिका लाने वाले वकीन ने पूछा था कि क्या केन्द्र सरकार अंतिम तिथि में इजाफा करने का फैसला लेगी। यदि तिथि को आगे बढ़ाए जाने की संभावना है तो आधार मामले में सुनवाई को टालकर नंवबर में की जाए। आधार मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने लंबित याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्र, न्यायाधीश अमिताव रॉय और न्यायाधीश एएम खानविल्कर की खंडपीठ अब नवंबर के पहले हफ्ते में सुनवाई करेगी। गौरतलब है कि हाल में सुप्रीम कोर्ट के निजता के अधिकार पर फैसले से आधार पर संकट के बादल छाए हुए हैं। इसी महीने सुप्रीम कोर्ट ने निजता को मौलिक अधिकार घोषित कर दिया था जिसके बाद माना जा रहा है कि कोर्ट आधार पर कोई कड़ा रुख एख्तियार कर सकता है। हालांकि आधार से निजता के हनन के सवाल पर केन्द्र सरकार का दावा है कि वह नागरिकों की निजी जानकारी की सुरक्षा को फूलप्रूफ करने के कई प्रयास कर रही है जिससे कि आधार के डेटा में सेंधमारी की गुंजाइश को खत्म किया जा सके। केन्द्र सरकार ने जून में नए नियम को नोटिफाई किया था जिसके तहत सभी करदाताओं को 1 जुलाई से अपने आधार और पैन कार्ड को लिंक कराना अनिवार्य हो जाएगा।
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने कहा है कि करदताओं के लिए अपने पैन को आधार से जोड़ने की निर्धारित समयसीमा कायम रहेगी और उच्चतम न्यायालय के निजता पर फैसले से इस आवश्यकता पर कोई प्रभाव नहीं होगा। यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडे ने भी कहा था कि सरकारी सब्सिडी, सामाजिक योजनाओं और अन्य लाभों का लाभ लेने के लिए आधार देने की अनिवार्यता भी फिलहाल जारी रहेगी। सरकार ने पैन को आधार से जोड़ने की समयसीमा बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है। उच्चतम न्यायालय के फैसले से आधार और पैन को जोड़ने पर क्या असर होगा? यूआईडी के सीईओ ने कहा, पैन को आधार से जोड़ने को आयकर कानून में संशोधन के जरिये अनिवार्य किया गया है। कानून के तहत यह काम जारी रहेगा। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
हालांकि आधार-पैन लिंकिंग की आखिरी तारीख को 31 अगस्त तक करना एक रूटीन फैसला है और इस तारीख के बाद भी देश में आधार और पैन की लिंकिंग का काम भी किया जाएगा। आधार पैन लिंकिंग की आखिरी तारीख पर बोलते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सफाई दी है कि लिकिंग का यह काम एक सतत प्रक्रिया है और देश में जैसे-जैसे नए पैन और आधार बनते रहेंगे, लिंकिंग का काम जारी रहेगा।
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लिहाजा, जिनके पास यह दोनों दस्तावेज नहीं हैं और उन्हें फिलहाल बैंकिंग और अन्य कारोबार अथवा केन्द्र सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं लेना है उनके लिए लिकिंग की यह आखिरी तारीख कोई मायने नहीं रखती। यदि किसी आधार धारक के पास पैन नहीं है तो वह स्वेच्छा से उसे बनवा सकता है।
क्यों जरूरी है पैन कार्ड और इसकी आधार से लिंकिंग
नए पैन कार्ड से बैंकों के लिए ग्राहकों का पैन कार्ड वैरिफिकेशन का काम बेहद आसान हो जाएगा। क्यूआर कोड की मदद से इसे महज चंद सेकेंड़ों में पूरा किया जा सकेगा। वहीं पुराने पैन कार्ड में कार्ड होल्डर के वैरिफिकेशन की प्रक्रिया बेहद पेंचीदी थी और अधिक समय लगता था। गौरतलब है कि देश में कालेधन पर लगाम लगाने और केन्द्र सरकार के विकास के कार्यक्रमों से चोरी रोकने के लिए पैन और आधार की लिंकिंग बेहद जरूरी है।