बिहार

बाबा राम रहीम की कैद से बिहार के इस गांव में आया घन घोर संकट… 2000 घरो में नहीं जले चूल्हे….

पटना : धर्म का चोला पहनकर महिलाओं और लड़कियों से दुष्कर्म जैसी घिनौनी घटना को अंजाम देने वाले बाबा राम रहीम को सजा सुनाए जाने के बाद सभी लोगों की जुबान से एक ही बात निकलकर सामने आ रही है इतनी घिनौनी घटना का सजा सिर्फ 20साल, उसे को फांसी होना चाहिए। लेकिन डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंसा को सजा सुनाए जाने के बाद बिहार के एक गांव में इसका असर देखने को मिला। जहां 2000 घरों में चूल्हा नहीं जला। अब आप सोच रहे होंगे कि भागलपुर के घरों में चूल्हा नहीं जला । अब आप सोच रहे होंगे कि क्या वह बाबा के भक्त थे या कुछ और। तो हम आपको बताते चलें कि यह सभी लोग बाबा की भक्ति के कारण भूखे नहीं सोए बल्कि अपनी रोजी रोटी की चिंता ने इंहें भूखा सुला दिया। जी हां कोर्ट के द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद हरियाणा स्थित डेरा की संपत्ति सीज किए जाने का आदेश जारी कर दिया गया । जिसमें बिहार के भागलपुर के लगभग 2000 लोग नौकरी कर रहे थे। जो भागलपुर के नाथनगर प्रखंड के गोसाईंदासपुर गांव के रहने वाले थे और सभी डेरा के सिरसा तथा हिसार स्थित बाबा के आश्रम में नौकरी करते थे। जैसे ही उनके परिजनों ने बाबा की सजा और संपत्ति सीज होने की बात सुनी उन्हें आगे की चिंता सताने लगी जिसके वजह से किसी ने की रात का खाना नहीं खाया।

 

एक युवक की नौकरी ने दिलाया 2000 लोगों को आशरा ….

अब आप सोच रहे होंगे कि बाबा राम रहीम के यहां काम करने वाले 2000 लोग भागलपुर से ही क्यों थे। तो हम आपको बताते चलें की भागल पुर के गोसाईंदासपुर गांव के रहने वाले मलय पासवान आज से कई वर्ष पहले गरीबी से परेशान होकर हरियाणा चला गया जहां मजदूरी कर अपना जीवन यापन करने लगा ।इसी दौरान उसकी मुलाकात डेरा के लोगो से हुई और सत्संग सुनने के लिए बाबा राम रहीम के आश्रम में जाने लगा ।देखते ही देखते उसकी नजदीकियां बढ़ी और वह हरियाणा के हिसार स्थित आश्रम में ही नौकरी करने लगा । उस वक्त उसे 8000 तनखा के साथ खाना पीना और रहने की सुविधा मिलती थी। नौकरी मिलने के बाद वह गांव आया और गांव से भी धीरे-धीरे लोगों को हरियाणा ले जाना शुरु किया। फिर गांव के सभी लोग राम रहीम के संपर्क में आए तथा उनके भक्त गए। उनकी भक्ति के साथ साथ है उनके यहां नौकरी कर यह पूरा गांव अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहा था। गोसाईंदासपुर के  लोग सिरसा व हिसार स्थित आश्रम में खेती बाड़ी का काम करते थे। काम के साथ-साथ सभी  बाबा राम रहीम का भक्त पूरा गाव हो गया और उन्हीं के कहने पर इस गांव के लोगों ने दारु और मांस दोनों छोड़ दिए। लेकिन कल जब कोर्ट के द्वारा उन्हें सजा सुनाया गया तो बिहार के भागलपुर में दुखो का लहर दौड़ गया और  परिजनो को अपने बेटे की चिंता सताने लगी।

 

आपको बताते चलें कि जब गोसाईंदासपुर के यादव टोला गांव के रहने वाले डोमी यादव की पत्नी उर्मिला देवी से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि हमारा बेटा विनोद 5 वर्षों से हरियाणा में बाबा राम रहीम के यहां नौकरी कर रहा था। वह वहां उनकी गायों का सेवा करता था। लेकिन कोर्ट के द्वारा बाबा की सारी संपत्ति सीज करने का आदेश जारी किया गया है अब ऐसे में हमारे परिवार का क्या होगा। हम लोगों के परिवार पर आने वाली आर्थिक संकट की परेशानी हमें सताने लगी है। तो दूसरी तरफ उससे बातचीत नहीं होने के कारण हमारा मन और भी परेशान हो रहा है। सजा सुनाए जाने से पहले उससे हमारी बात हुई थी वह काफी परेशान दिख रहा था। यह समस्या सिर्फ हमारी ही नहीं बल्कि हमारे गांव के अधिकतर परिवार का है। लोग अपने बच्चों की चिंता में ना तो ठीक से  खाना खा पा रहे हैं और ना ही सो पा रहे हैं । भागलपुर गांव में बाबा राम रहीम के उपदेशों को सुनाकर भक्तों का नेतृत्व करने वाला मंटू का कहना है कि हमारे बाबा निर्दोष हैं उन्हें बहुत जल्द सभी आरोपों से मुक्ति मिल जाएगी। और हम बहुत जल्द हरियाणा जा रहे हैं तथा वहां अपने गांव के रहने वाले लोगों को समझाएंगे। तो कई लोगों का कहना है कि जैसे ही बाबा पर कानून का शिकंजा कसना शुरू हुआ कुछ लोग वहां से अपने गांव आने के लिए निकले लेकिन अब तक वह घर नहीं पहुंचे हैं। जिस कारण चिंता और भी बढ़ गई है।

 

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