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चीन को खटकी मोदी-ट्रंप की दोस्ती, कहा- हमारी अमेरिका से लड़ाई का फायदा उठा रहा भारत

डोकलाम विवाद को लेकर को अब चीन की मीडिया ने भी भारत पर निशाना साधना शुरू कर दिया है। चीन की वेबसाइट ग्‍लोबल टाइम्‍स की एक रिपोर्ट में भारत पर आरोप लगाया गया कि उसने डोकलाम विवाद को जन्‍म दिया और चीन की सीमा में घुसकर अपनी सैन्‍य उपस्थिति बढ़ा रहा है । ग्‍लोबल टाइम्‍स के अनुसार भारत ऐसा दक्षिण एशिया में अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार की आक्रामकता से यह बात साफ है कि भारत चीन के साथ कूटनीतिक विरोध को बढ़ाना चाह रहा है।
पाकिस्‍तान से दोस्‍ती की बात स्‍वीकारी

मीडिया रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि चीन पाकिस्‍तान के दोस्‍ती को बढ़ावा दे रहा है और चीन-पाकिस्‍तान इकनॉमिक कॉरिडोर की वजह से उनके रिश्‍ते और मजबूत हुए हैं । सिर्फ पाकिस्‍तान ही नहीं चीन ने नेपाल, श्रीलंका, मालदीव और दक्षिण एशिया के दूसरे देशों से भी अपने रिश्‍तों में सुधार किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि मोदी से पहले भारत की आर्थिक और राष्ट्रीय शक्ति में तेजी से विकास हुआ। हालांकि चीन की शक्‍ति इस दौरान और तेजी से बढ़ी है। अब चीन तीव्रता से दक्षिण एशिया में अपना प्रभाव बढ़ा रहा है और यही बात भारत को परेशान कर रही है।

खटकी अमेरिका से दोस्‍ती

चीन की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत चीन और अमेरिका के टकराव का फायदा उठा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत अपनी बढ़ती आर्थिक शक्‍ति की वजह से बीजिंग और नई दिल्‍ली के द्विपक्षीय रिश्‍तों में खटास डाल रहा है और इस क्षेत्र में बढ़ रहे चीन के दबदबे को रोकने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार यही वजह है कि चीन सरकार के साथ कुछ दिन की दोस्‍ती कर अब पीएम नरेंद्र मोदी दोनों देशों को विवाद में झोंक रहे हैं। रिपोर्ट में साफ कहा गया कि भारत अकेले चीन को नहीं रोक सकता। यही वजह है कि वह अब अमेरिका और जापान की मदद लेने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट में डोकलाम विवाद के समय पर भी सवाल उठा गया। कहा गया है कि मोदी के अमेरिका दौरे से लौटने और उसके बाद डोकलाम विवाद शुरू होना महज संयोग नहीं है। भारत अमेरिका की उस कूटनीतिक लालसा का फायदा उठाना चाह रहा है, जिसके अनुसार वॉशिंगटन भारत का इस्‍तेमाल चीन को कंट्रोल और चेक करने के लिए करना चाहता है। वहीं जापान के साथ मालाबार ड्रिल, न्‍यूक्लियर और सैन्‍य संबंध बढ़ाना भी भारत की कूटनीतिक सोच ही है।

राजनैतिक हालात पर भी टिप्‍पणी
हमारे देश की राजनीतिक हालात पर भी विपरीत टिप्‍पणी की गई है। कहा गया कि भारत के वर्तमान राजनीतिक माहौल में चीन के साथ दोस्‍ती को बढ़ावा देने की जगह मुकाबला करना आसान है। ऐसे में मोदी सरकार ने भी चीन के साथ मुकाबला करने का निर्णय लिया, जिससे कि वह दक्षिण एशिया में अपना प्रभाव बनाए रख सके।

लंबा चलेगा विवाद

रिपोर्ट के अनुसार भारत चीन विरोध डोकलाम विवाद और अन्‍य बॉर्डर विवादों तक ही सीमित नहीं है। यही नहीं अगर इस समय उपजे विवाद का शांतिपूर्ण समाधान हो भी जाता है तो भी भारत और चीन के रिश्‍ते जल्‍द सुधरने वाले नहीं हैं। आने वाले समय में दोनों देशों के बीच अन्‍य राजनैतिक और सैन्‍य मुद्दों पर भी विवाद जन्‍म लेंगे।

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