अखिलेश अखिल | मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बदली राजनीति बहुत कुछ कह जाती है। नीतीश के कदम से देश की राजनीति मर्माहित है और जदयू के भीतर भी उबाल है। माना जा रहा है कि नीतीश के फैसले से जदयू के अधिकतर विधायक नाखुश हैं और वे सभी आज शाम 5 बजे शरद यादव से मिल रहे हैं। शरद यादव भी नीतीश के बदले इस पैतरें से काफी दुखी माने जा रहे हैं।
नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव की गैर मौजूदगी चर्चा का विषय रही। पिछले 24 घंटे में बिहार के सियासी ड्रामे के बीच शरद यादव की चुप्पी भी काबिलेगौर रही। इस पूरे सियासी घटनाक्रम के बीच शरद यादव ने खामोशी अख्तियार कर रखी है। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार के एनडीए में जाने से शरद यादव नाराज बताए जा रहे हैं। संभवतया यही वजह रही कि गुरुवार को नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए शरद यादव पटना नहीं गए। इस दौरान वह दिल्ली में ही मौजूद रहे। उनके अलावा जदयू के सांसद अली अनवर और वीरेंद्र कुमार भी नीतीश के कदम से नाराज बताए जा रहे हैं। इस कड़ी में गुुरुवार शाम पांच बजे शरद यादव के घर इन नाराज नेताओं की बैठक होने जा रही है। बुधवार को नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद ही बिहार में महागठबंधन की सरकार खात्मा हो गया। उसके तत्काल बाद नीतीश कुमार को बीजेपी का साथ मिल गया और उन्होंने गुरुवार को सुबह 10 बजे दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है। वहीं सुशील मोदी ने डिप्टी सीएम की शपथ ली। शपथग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने बिहार के हित में फैसला लिया है। मेरी जवाबदेही बिहार के प्रति है। वक्त आने पर सबको जवाब दूंगा। नीतीश के शपथ ग्रहण के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि नीतीश कुमार ने हमें धोखा दिया है। स्वार्थ के लिए लोग कुछ भी कर जाते हैं। उन्होंने कहा, “मैं पहले ही जान गया था कि यह (महागठबंधन) ज़्यादा देर तक नहीं चल पाएगा। हिन्दुस्तान की राजनीति की यही समस्या है कि राजनेता स्वार्थ के लिए कुछ भी कर जाते हैं। जो जनादेश मिला था, वह सांप्रदायिकता के खिलाफ था, लेकिन अब देखना होगा कि बिहार की नयी राजनीति किस करवट बैठती है। नीतीश का दाव कितना सफल होता है या फिर जदयू में फिर कोई विखंडन का मामला बनता है।