बालू लूट में माफिया, पुलिस और सरकार शामिल: बाबूलाल मरांडी का हेमंत सरकार पर बड़ा आरोप
रांची। झारखंड में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध बालू खनन को लेकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में बालू की लूट में माफिया, पुलिस और राज्य सरकार—तीनों शामिल हैं।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जमशेदपुर के भुइयांडीह क्षेत्र में सुवर्णरेखा नदी से नावों के जरिए खुलेआम अवैध बालू खनन किया जा रहा है। बालू को बोरों में भरकर नदी किनारे रखा जाता है और बाद में उसका परिवहन किया जाता है। यह सब प्रशासन की जानकारी में हो रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बालू से होने वाली अवैध कमाई के कारण ही हेमंत सरकार पेसा कानून को लागू नहीं कर रही है। आदिवासी हितों की रक्षा के लिए बने कानून को लागू न करने वाला मुख्यमंत्री खुद को किस अधिकार से आदिवासी कहता है, यह समझ से परे है।
मरांडी ने कहा कि भले ही हाई कोर्ट ने बालू खनन पर रोक लगा रखी हो, लेकिन माफिया सरकार के लिए यह स्वर्णिम समय बन गया है। कोर्ट के सामने समय मांगा जाता है और बाहर निकलते ही आम जनता को ऊंची कीमतों पर अवैध बालू बेचकर लूटा जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने चुनौती देते हुए कहा कि यदि यह सब सरकार की सहमति से नहीं हो रहा है तो मुख्यमंत्री अवैध बालू खनन पर रोक लगाकर दिखाएं और माफिया पर कार्रवाई करें। उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ऐसा नहीं कर पाएंगे, क्योंकि सरकार और माफिया भ्रष्टाचार के लिए एक-दूसरे पर निर्भर हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि झारखंड का दुर्भाग्य है कि जिन लोगों को जल, जंगल और जमीन के नाम पर सत्ता सौंपी गई, उन्हीं के स्वार्थ और लालच के कारण राज्य की प्राकृतिक संपदा खतरे में पड़ गई है। पड़ोसी राज्य में चारा घोटाला हुआ, लेकिन हेमंत सोरेन सरकार उससे भी आगे निकल गई और बालू को भी नहीं छोड़ा।
मरांडी ने कहा कि जब वे बालू, कोयला, पत्थर और शराब जैसे मुद्दे उठाते हैं तो मुख्यमंत्री सवाल करने पर आपत्ति जताते हैं। अगर इन चीजों को काली कमाई का जरिया बनाकर राज्य को लूटा जा रहा है तो सवाल भी इन्हीं पर होंगे।
उन्होंने कहा कि यदि उनके आरोप गलत हैं तो मुख्यमंत्री उदाहरण के साथ बताएं। अगर किसी गलत जानकारी के आधार पर सवाल उठाया गया होगा तो वे सार्वजनिक रूप से अपनी गलती स्वीकार करेंगे। लेकिन चोरी और सीनाजोरी को कब तक सहा जाएगा? अंत में उन्होंने कहा कि जनता सबका हिसाब करती है—चारे का भी हुआ और बालू का भी होगा।


