स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अपने पर्सनल बैंकिंग पोर्टफोलियो के सम्मिलित काफी सारी सेवाएं प्रस्तुत करवाता है। इनमें नेशनल पेंशन सिस्टम अकाउंट और पीपीएफ अकाउंट प्रमुख हैं। एसबीआई के ये दोनों अकाउंट पीपीएफ और एनपीएस सब्सक्राइबर्स को जीवन के एक सामीप्य में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करते हैं।
पीपीएफ अकाउंट अच्छा खासा रिटर्न देने वाला एक खास निवेश विकल्प है जो कि कर लाभ की सुविधा भी प्रदान करता है। यह जानकारी एसबीआई के पोर्टल पर भी उपलब्ध है। जबकि नेशनल पेंशन सिस्टम एक खास तरह का पेंशन सिस्टम होता है जो कि देश के सभी नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। इसे पेंशन फंड नियम और विकास प्राधिकार की ओर से प्रतिबंधित किया जाता है।
निवेशक अपने नाम पर या फिर अपने नाबालिग बच्चे के नाम पर खाता खुलवा सकते हैं। ऐसा वो एसबीआई की किसी भी शाखा से कर सकते हैं। जानकारी के लिए आपको बता दें कि हिंदू अविभाजित परिवारों को पीपीएफ खाता खोलने की अनुमति नहीं है। इसमें आप एक वित्त वर्ष के भीतर 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये तक का निवेश कर सकते हैं। इस राशि को आप या तो एकमुश्त या फिर 12 किश्तों में जमा करा सकते हैं। एसबीआई के पीपीएफ अकाउंट की मैच्योरिटी 15 वर्ष होती है, हालांकि इसमें थोड़ा और विस्तार दिया जा सकता है। इस पर मिलने वाले ब्याज का निर्धारण केंद्र सरकार की ओर से तिमाही आधार पर किया जाता है। वर्तमान में इस पर मिलने वाली ब्याज दर 7.6 फीसद है। इस खाते पर आयकर की धारा 88 के अंतर्गत आयकर छूट मिलती है।