सूबे में एक बार फिर बिजली संकट गहराने की प्रबल आशंका है। तेनुघाट के बाद अब दामोदर घाटी निगम के द्वारा आनेवाले दिनों में बिजली उत्पादन में कमी की जाएगी। इससे इसके कमांड एरिया जिसमें हजारीबाग जिला भी आता है, उसमें बिजली संकट गहराने की उम्मीद है। इस आशय का पत्र विभाग को डीवीसी के एरिया लोड डिस्पैच सेंटर, मैथन के शिफ्ट इंचार्ज इंजीनियर से प्राप्त हुआ है। साथ ही कहा गया है कि निकट भविष्य में भी उत्पादन में किसी प्रकार के सुधार होने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में डीवीसी के कमांड एरिया के लोगों को आने वाले दिनों में भीषण बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। बिजली विभाग को डीवीसी से मिले पत्र के अनुसार वर्तमान में बिजली उत्पादन को घटाकर 3500 मेगावाट से 2400 मेगावाट किया जा रहा है।
जबकि पहले 3500 मेगावाट बिजली के उत्पादन किए जाने के बावजूद लोग बिजली की कमी से परेशान थे। अब यह समाचार लोगों के लिए जले पर नमक के समान होगा। बिजली की कमी के कारण शहरी क्षेत्र के लोगों को 24 घंटे में मुश्किल से 15-16 घंटे बिजली मिल पाती थी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों का हाल तो काफी बुरा था। ग्रामीण क्षेत्र में किए जाने वाली लंबी-लंबी लोड शेडिंग के कारण लोग बिना बिजली के समय गुजारने को विवश थे। अब बिजली संकट गहराने के बाद स्थिति और भी बदतर हो जाएगी।
बिजली उत्पादन में कमी किए जाने के कारण कोयले की कमी बताई जा रही है। जानकारों की मानें तो कोयले की कमी के कारण डीवीसी को जेवीबीएनएल के द्वारा प्राप्त बिजली के विरुद्ध राशि का भुगतान नहीं हो पाना है। वैसे कोयले की कमी व डीवीसी का भुगतान का मामला पूर्व में भी फंसा था। लेकिन विभागीय अधिकारियों की तत्परता से इस संकट को तात्कालिक रूप से टाल दिया गया था। वर्तमान में एक बार फिर से वही समस्या आ गई है।