इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कारपोरेशन (आईआरसीटीसी) ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा देता है। ट्रेन टिकट की एडवांस बुकिंग यात्रा के 120 दिन पहले की जाती है। यात्रियों को जो टिकट दिए जाते हैं उसमें कई तरह के स्टेट्स होते हैं जैसे कि वेटिंग लिस्ट, आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) और कन्फर्म, इन सभी से जुड़े अलग अलग नियम होते हैं। हर रोज लगभग 2 करोड़ यात्रियों को सफर कराने वाली इंडियन रेलवे से जुड़े ऐसे काफी सारे नियम हैं जिनसे रेल यात्री अनजान रहते हैं। हम अपनी इस खबर में आपको वेटिंग लिस्ट से जुड़े कुछ ऐसे नियमों की जानकारी दे रहे हैं जो कि हर हाल में यात्रियों को मालूम होने चाहिए।
अगर यात्री की टिकट में वेटिंग लिस्ट (WL Followed) नंबर के साथ लिखा हुआ है तो इसका मतलब हुआ कि यात्री का टिकट अभी भी वेटिंग लिस्ट में है। यह उसी सूरत में कन्फर्म हो सकता है कि अगर कुछ यात्री जिनका टिकट कन्फर्म था लेकिन किसी कारण से उन्होंने अपना टिकट कैंसिल करवा लिया।
IRCTC के वेटिंगलिस्ट टिकट से जुड़े नियम जो आपको मालूम होने चाहिए:
- आईआरसीटीसी के नियमों के मुताबिक ऐसे यात्री जिनका यात्रा टिकट स्टेट्स चार्ट तैयार होने के बाद भी पूरी तरह से कन्फर्aम/ या फिर पूरी तरह से आरएसी (रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन) है, और उनका नाम चार्ट में दिखाई देता है तो वो ट्रेन यात्रा कर सकते हैं।
- ऐसे यात्री जिनका नाम आंशिक रूप से कन्फर्म/आंशिक रूप से प्रतीक्षासूची या आंशिक रूप से आरएसी/आंशिक रूप से प्रतीक्षासूची में है उनका नाम भी वेटिंग लिस्ट पैसेंजर के साथ चार्ट में दिखाई देता है।
- आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से ग्राहक/ एजेंट द्वारा ई-टिकट रद्द करने की अनुमति केवल ट्रेन की चार्ट तैयार होने से पहले ही दी जाती है।
- ऐसे यात्री जिनका नाम चार्ट तैयार किए जाने के बाद पूरी तरह से वेटिंगलिस्ट में ही रहता है उनका नाम छोड़ दिया जाता है और वो चार्ट में नहीं दिखता है। ऐसे यात्री ट्रेन में चढ़ने के भी हकदार नहीं होते हैं। अगर फिर भी ऐसे यात्री सफर करते हुए पाए जाते हैं तो उन्हें बिना टिकट यात्रा करते हुए माना जाता है।
- चार्ट तैयार किए जाने के बाद आईआरसीटीसी की ओर से प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों के टिकट को रद्द किया जाता है और इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रिफंड कस्टमर्स के खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता है।