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भारत की संस्कृति, परंपरा और विरासत 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आइए जानते हैं इन ऐतिहासिक स्थलों के बारे में

 

लाल किला : इसे बनाने में दस साल का समय लगा था। इसके निर्माण की अवधि 1638 से 1648 रही है। यह फोर्ट तब बनवाया गया था जब शाहजंह आगरा से दिल्ली शिफ्ट हुआ उस समय ये किला-ए-मुबारक के नाम से जाना जाता था। अष्टकोणीय आकृति के इस किले को उत्तरी भारत के बेहतरीन एतिहासिक जगह के तौर पर जाना जाता है यहां स्वतंत्रता दिवस के दिन भारत के राष्ट्रपति भाषण देते है। यह किला असल में लाइमस्टोन से बनवाया गया था लेकिन ब्रिटिश काल में इसे लाल रंग से रंग दिया गया क्योंकि लाइमस्टोन खराब होने लगा था।

इंडिया गेट : इंडिया गेट एक युद्ध स्मारक है जो प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बलिदान हुए सैनिकों को प्रणाम करता है, यह राजपथ के पूर्वी हिस्से में स्थित है तथा शहर में सबसे लोकप्रिय स्मारकों में से एक है।

जलियांवाला बाग : ब्रिटिश शासन काल दौरान हुए सबसे कुख्यात नरसंहार की कहानी बयान करता है जो भारतियों पर एक गहरी छाप छोड़ गया है। 6.5 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला, जलियांवाला बाग पंजाब राज्य के पवित्र शहर अमृतसर में स्थित एक सार्वजनिक उद्यान है। विशाल राष्ट्रीय महत्व के, इस स्मारक स्थल को 13 अप्रैल 1961 को पंजाबी नव वर्ष के अवसर पर भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति ड़ा. राजेन्द्र प्रसाद द्वारा उद्घाटित किया गया।

गांधी स्‍मृति : गांधी स्‍मृति या गांधी स्‍मृति संग्रहालय वह स्‍थल है जहां राष्‍ट्रपिता, महात्‍मा गांधी ने अपने जीवन के आखिरी 144 दिन बिताएं थे। गांधी स्‍मृति को पहले बिड़ला हाउस या बिड़ला भवन के नाम से पुकारा जाता था। यह वह जगह भी है जहां 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने महात्‍मा गांधी की गोली मारकर हत्‍या कर दी थी।

सेलुलर जेल  : इसे काला पानी जेल के नाम से भी जाना जाता है, यह भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप पर बना एक औपनिवेशिक जेल है। इस जेल का उपयोग ब्रिटिशो द्वारा राजनितिक कैदियों को दूरस्थ द्वीपसमूह पर कैद करने के लिए किया जाता था। भारत जब आज़ादी के लिए संघर्ष कर रहा था तब बहुत से स्वतंत्रता सेनानियों जैसे बटुकेश्वर दत्त, योगेश्वर शुक्ला और विनायक दामोदर सावरकर को इस जेल में रखा गया था।

बाघा बॉर्डर : एक सैनिक चौकी है, जो अमृतसर और लाहौर के बीच स्थित है। यह भारत-पाकिस्तान का एकमात्र सड़क सीमारेखा है और यहां विस्तृत निर्माण, सड़क और अवरोध बने हुए हैं। इस सीमा चौकी के प्रवेश द्वार को स्वर्ण जयंती गेट कहते हैं।

राजघाट : यमुना नदी के किनारे स्थित राज घाट महात्मा गांधी की समाधि का प्रतीक है। गांधी जी का अंतिम विश्राम स्थल राजघाट भारत की आजादी के प्रति उनके अथक प्रयास और योगदान की याद दिलाता है।

काकोरी : 9 अगस्त 1925 को रेल से ले जाए जा रहे सरकारी खजाने को क्रान्तिकारियों द्वारा लखनऊ के पास काकोरी रेलवे स्टेशन के पास लूट लिया था। यह कांड​ काकोरी काण्ड के नाम से जाना जाता है।

साबरमती आश्रम : गांधीजी के दक्षिण अफ्रीका से लौटने के बाद भारत में उनका प्रथम आश्रम 25 मई, 1915 को अहमदाबाद के कोचरब क्षेत्र में स्थापित किया गया था। 17 जून, 1917 को आश्रम को साबरमती के किनारों पर खुली जमीन के भूभाग पर स्थांतरित कर दिया गया। इस आश्रम को गांधी आश्राम अथवा सत्याग्रह आश्रम भी कहा जाता है। इस स्थान पर महात्मा गांधी ने अपनी पत्नी के साथ 12 वर्ष का जीवन व्यतीत किया।

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