सावन की तीसरी सोमवारी पर तीन लाख से अधिक कांवरियां देवघर पहुंचे हैं। सुबह 3 बजकर 37 मिनट में जलार्पण शुरू हो गया। इससे पहले 3:00 बजे मंदिर का कपाट खुला और सरदार पंडा गुलाबनंद ओझा ने बाबा बैद्यनाथ की प्रात:कालीन विशेष पूजा की। इसके बाद अरघा लगा दिया गया। 17 किमी की लंबी कतार मंदिर से कुमैठा के बीच लगी है। अभी तक सब कुछ शांतिपूर्ण है।
सावन की तीसरी सोमवारी को लेकर शहर के सभी शिवालय सज कर तैयार हैं। शिव मंदिरों की आकर्षक साज-सज्जा की गई है। मंदिर समितियों के सदस्य मंदिरों उमडऩे वाली श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर भी व्यवस्था बनाए रखने और श्रद्धालुओं को सुविधाजनक वातावरण देने के लिए भी तैयार हैं। मंदिरों में श्रद्धालु तो भगवान भोले का जलाभिषेककरेंगे ही, किसी मंदिर में रुद्राभिषेक का अनुष्ठान होगा तो कहीं दिन भर भजन-कीर्तन गूंजेगा। मंदिरों में पूजा अर्चना के बाद श्रद्धालुओं में भोग वितरण की भी व्यवस्था की गई है। श्रद्धालुओं ने भी पूजन सामग्री आदि खरीदकर अपनी तैयारी पूरी कर ली है। फूल, बेलपत्र, धतूरा आदि की खरीदारी सोमवार को सुबह होगी।
सावन सोमवार व्रत का फल सोमवार व्रत नियमित रूप से करने पर भगवान शिव तथा देवी पार्वती की अनुकंपा बनी रहती है। जीवन धन-धान्य से भर जाता है। सभी अनिष्टों का हरण कर भगवान शिव अपने भक्तों के कष्टों को दूर करते हैं।