नौ महीने से बुनकरों को झारक्राफ्ट की ओर से मजदूरी नहीं दिए जाने के कारण मंगलवार को झारखंड बुनकर सेवा संघ के बैनर तले सैकड़ों बुनकरों ने झारक्राफ्ट ऑफिस के सामने प्रदर्शन किया। संघ का आरोप है कि सोची समझी साजिश के तहत कंबल बुनाई आपूर्ति में कमियां निकालकर काम बंद कर दिया गया है। दूसरी ओर मजदूरी का भुगतान नहीं किए जाने के कारण बुनकरों की स्थिति दयनीय हो गई है।
उनका कहना है कि भूखमरी और पलायन की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मजदूरी भुगतान और कंबल बुनाई कार्य को लेकर झारखंड के विभिन्न जिलों से कई बार बुनकर प्रतिनिधिमंडल झारक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक से मिलने की कोशिश की। लेकिन वे बहाना बनाकर हमेशा मिलने से इंकार कर देते हैं। प्रदर्शन के दौरान काले कपड़े पहनकर बुनकर अपनी मांग को पूरा करने को लेकर नारेबाजी भी की। संघ के संयोजक जुनैद आलम ने राज्यपाल को पत्र लिखकर इस मामले का जल्द निराकरण करने की मांग की।
मुख्यमंत्री के आदेशानुसार प्रत्येक सरकारी विभागों से निकलने वाले वस्त्रों की आपूर्ति झारखंड के सहकारी समितियों और स्वयं सहायहता समूह में कार्यरत बुनकर से बुनाई कार्य पुन: शुरू कराएं
बुनकरों की बुनाई और कंबल बुनाई का बकाया मजदूरी का भुगतान जल्द किया जाए। अगर बुनकर परिवार आत्महत्या करने को मजबूर होंगे तो सारी जवाबदेही झारक्राफ्ट की होगी।
झारक्राफ्ट द्वारा बांका सिल्क, इसाफ व अन्य संस्थाओं को एमओयू रद्द कर झारखंड के सहकारी समितियों और स्वयं सहायता समूहों के बुनकरों से कराना सुनिश्चित किया जाए।
कुचाई सिल्क एक्सपो के माध्यम से झारखंड के बाहर की संस्थाओं, समितियों को विपणन देना बंद कर, झारखंड की संस्थाओं से कराया जाए।
झारक्राफ्ट के प्रबंध निदेश का रवैया झारखंड के बुनकर समितियों एवं समूहों के प्रति दिशाहीन है।
बुनकर योजनाओं की राशि बुनकर के उत्थान के लिए खर्च करना सुनिश्चित करें।