काजोल 5 अगस्त 2018 को अपना 44वां जन्मदिन मना रही हैं। बॉलीवुड में काजाेल का सफर 1992 में आई फिल्म बेखुदी से शुरू हुआ था। उस वक्त वे महज 17 साल की थीं। लेकिन काजोल की फैमिली पिछली 3 पीढ़ियाें से बॉलीवुड में सक्रिय है। काजोल की परनानी रत्तन बाई ने उस दौर में फिल्मों में सिगिंग और एक्टिंग की शुरुआत की थी, जब बोलती फिल्में बनना शुरू हुई थीं।
रत्तन बाई की बेटी शोभना समर्थ (काजोल की नानी) ने भी 1935 में डेब्यू किया। जबकि रत्तन बाई 1935 में यास्मीन और भिखारन, 1942 में लाजवंती, 1945 में धरम जैसी फिल्मों में काम कर चुकी हैं। शोभना की दोनों बेटियों तनुजा और नूतन का कनेक्शन भी बॉलीवुड से काफी गहरा है। तनुजा की बेटियों में काजोल ही बॉलीवुड में ज्यादा सफल रहीं, जबकि तनिषा की फिल्में चल नहीं पाईं। काजोल परनानी, नानी और मां के बाद चौथी पीढ़ी हैं। काजोल की फैमिली बॉलीवुड में पिछले 87 साल से सक्रिय है।
तनुजा ने काजोल के लिए 1993 में अपने प्रोडक्शन में एक फिल्म बनाना शुरू की, पहचान अपनी-अपनी। फिल्म में काजोल के साथ अयूब खान भी थे। डायरेक्शन चंद्र बरोट कर रहे थे। अयूब के साथ फीस को लेकर हुए कुछ इश्यूज के कारण तनुजा ने उन्हें मनु गर्गी के साथ रिप्लेस करने का मन बनाया। हालांकि यह फिल्म बन नहीं पाई, तनुजा ने खुद इसे डब्बाबंद कर दिया।
काजोल फिल्मों के अलावा साेशल वर्क में भी एक्टिव हैं। इसके लिए 2008 में उन्हें कर्मवीर पुरस्कार भी मिल चुका है। 2009 में शिक्षा एनजीओ के साथ मिलकर कैम्पेन भी कर चुकी हैं। द लुम्बा ट्रस्ट की गुडविल एम्बेसडर रहीं काजोल 2012 में प्रथम संस्था की एम्बेसडर भी रही हैं।