मासव्यापी श्रावणी मेले की शुरूआत से ही बाबा दरबार में शिवभक्तों की भीड़ उमड़ रही है। अब मेला का रंग और भी अधिक चढ़ता दिखाई दे रहा है। श्रावणी मेले के छठे दिन गुरुवार को बाबा का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्घालु बुधवार रात से ही कतारबद्घ हो प्रतीक्षारत दिखे।
वहीं निकास द्वार पर एसडीओ रामनिवास यादव व एसडीपीओ विकास कुमार श्रीवास्तव कांवरियों को कतारबद्घ करने के साथ श्रद्घालुओं को बाबा पर जलार्पण में किसी प्रकार की परेशानी ना हो पर नजर बनाए दिखे। अधिकारीगण कांवरिया रूट लाईन की पल-पल की जानकारी भी ले रहे थे। इतना ही नहीं सभी सुरक्षाकर्मी भी अपने-अपने कर्त्तव्य स्थल पर तैनात दिखे। श्रावणी मेला में मुख्य रूप से बिहार, झारखण्ड और उत्तर प्रदेश के कांवरियों को बाबा दरबार में हाजिरी लगाते देखा जा रहा है। इसके अतिरिक्त पश्चिम बंगाल, असम और नेपाल से भी काफी संख्या में श्रद्घालु यहां आए हैं।
भारत के विभिन्न प्रांतों से श्रद्धालु यहां आए हैं। सुल्तानगंज से होकर गुजरी उत्तरवाहिनी गंगा घाट से देवनगरी आने का इनका माध्यम भी श्रद्धालुओं का भिन्न-भिन्न हैं। कोई 105 किमी की पैदल यात्रा कर आते हैं, तो कोई दण्डवत यहां तक पहुंचे हैं। वहीं कुछ अजगैबीनाथ से जल भरकर छोटी-बड़ी गाडि़यों और मोटरसाइकिल से यहां पहुंच रहे हैं। मंदिर में पूजा करने हेतु आए भागलपुर के एक दंपति रमेश सिंह और मीना सिंह ने कहा कि साल में तीन-चार बार यहां पूजा करने के लिए आ ही जाते हैं परंतु हर साल सावन में सुल्तानगंज से जल भरकर लाना और बाबा को चढ़ाना निश्चित है।
सुबह 3:05 बजे बाबा वैद्यनाथ मंदिर का पट खुलने के साथ ही बोल बम के जयकारे से पूरा मंदिर परिसर गूंज उठा। श्रद्घालु कतारबद्घ होकर बाबा मंदिर गर्भगृह में प्रवेश कर अरघा के माध्यम से कामनालिंग पर जलार्पण कर मंगलकामना करते दिखे। बाबा मंदिर में जहां कुछ कांवरियों को बाबा वैद्यनाथ की आरती करते देखा गया वहीं कुछ कांवरिया बाबा का गठबंधन करते नजर आये। कांवरियों के अतिरिक्त काफी संख्या में स्थानीय लोगों ने भी पूजा-अर्चना की। सभी भक्त सुगम तरीके से जलार्पण कर बाहर निकल रहे थे। इनकी सुरक्षा का ध्यान लगातार मंदिर व रूट-लाईन में तैनात सुरक्षाकर्मियों द्वारा रखा जा रहा था। तड़के से ही डीसी राहुल कुमार सिन्हा बाबा मंदिर परिसर में विधि-व्यवस्था का जायजा लेते दिखे।