breaking news ख़बर

दिल्ली: 50% रेस्त्रां बंद होंगे, सीटिंग के मुताबिक नहीं है पार्किंग

राजधानी के करीब 50 फीसदी रेस्त्रां पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। इसकी वजह रेस्त्रां में पार्किंग सुविधा का नहीं होना माना जा रहा है। इस संबंध में एमसीडी (नॉर्थ, साउथ और ईस्ट) का पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट अध्ययन कर रहा है।

 

अध्ययन के बाद एमसीडी पार्किंग सुविधा उपलब्ध न करा पाने वाले रेस्त्रां का लाइसेंस रद्द कर देगी। साथ ही ऐसे नए रेस्त्रां को लाइसेंस भी नहीं दिया जाएगा, जिनके पास सीटिंग कैपेसिटी के मुताबिक पार्किंग सुविधा नहीं है। तीनों एमसीडी ऐसे रेस्त्रां का लाइसेंस रद्द करने का अध्ययन कर रही हैं, जिनके पास पार्किंग सुविधा नहीं है। एक अनुमान के मुताबिक पूरी दिल्ली में छोटे-बड़े करीब 2000 रेस्त्रां चल रहे हैं। इनमें से लगभग 1000 रेस्त्रां ऐसे हैं, जिनके पास सीटिंग कैपेसिटी के मुताबिक पार्किंग सुविधा नहीं है। इस वजह से इनमें आने वाले लोग अपने वाहन सड़क पर ही खड़े कर देते हैं, जिसके चलते सड़क पर ट्रैफिक जाम हो जाता है। ट्रैफिक जाम होने से वाहनों का ईंधन एक ही जगह जलता रहा है, जो पर्यावरण को दूषित करता है।

 

पर्यावरण को दूषित होने से बचाने और लोगों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए ही एमसीडी इनके लाइसेंस रद्द करने पर अध्ययन कर रही हैं। सूत्रों के मुताबिक एमसीडी यह अध्ययन उपराज्यपाल की मीटिंग में फटकार लगने के बाद कर रही हैं। मीटिंग में यह मुद्दा उठा था कि यदि रेस्त्रां के पास पार्किंग की सुविधा नहीं है तो उनका लाइसेंस रद्द क्यों नहीं कर दिया जाता।

 

रेस्त्रां का लाइसेंस रद्द करने में एमसीडी के सामने एक दिक्कत सामने आ सकती है और वह यह है कि सार्वजनिक पार्किंग सुविधा मुहैया कराना एमसीडी का काम है। मिक्स लैंड यूज वाली सड़कों पर चलने वाले बहुत से रेस्त्रां ने तो निगमों को बकायदा पार्किंग बनाने के लिए पार्किंग चार्ज भी जमा कराया है।

 

देखने में आया है कि बहुत से रेस्त्रां ऐसे हैं, जिनमें पार्किंग की सुविधा उनकी सीटिंग कैपेसिटी से बहुत कम है। इससे लोग सड़क पर ही अपना वाहन खड़ा कर देते हैं। इससे सड़क पर चलने वाले दूसरे लोगों को परेशानी होती है और ट्रैफिक जाम हो जाता है। इसलिए ऐसे रेस्त्रां का लाइसेंस रद्द करने और नए लाइसेंस जारी नहीं करने पर स्वास्थ्य विभाग अध्ययन कर रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *