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झारखण्ड के सभी सरकारी ब्लड बैंक से मरीजों का मिलेगा मुफ्त में खून , रक्तदान के बात लगती थी 350 रुपये सरकार ने माफ़ कर दी

रांची.राज्य के सरकारी ब्लड बैंकों से अब खून मुफ्त मिलेगा। यहां से ब्लड लेने के लिए अब प्रोसेसिंग फीस नहीं देनी होगी। राज्य सरकार ने रक्तदान के एवज में मिलने वाले ब्लड यूनिट पर प्रोसेसिंग शुल्क को खत्म कर दिया गया है। इससे संबंधित आदेश सोमवार को नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) के अभियान निदेशक कृपानंद झा की ओर से जारी किया गया है। इस आदेश के बाद अब मरीजों को सरकारी ब्लड बैंकों से ब्लड निशुल्क मिलेगा।

 

ब्लड एक्सचेंज के बाद प्रोसेसिंग फीस के नाम पर देने पड़ते थे 350 रुपए :पहले मरीजों को ब्लड एक्सचेंज के बाद प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 350 रुपए देने पड़ते थे। इस राशि का भुगतान अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के बजट से अस्पतालों को किया जाएगा। इस विषय में इस वर्ष की शुरुआत में ही केंद्र ने राज्य सरकारों को पत्र लिखा था, जिस पर अब राज्य सरकार ने सहमति दे दी है। इससे सरकारी ब्लड बैंक आने वाले सभी मरीजों को लाभ मिलेगा।

 

हर साल 40 हजार यूनिट का कलेक्शन…रिम्स में ही रोज 50-60 यूनिट खून की खपत:राज्य के 18 सरकारी ब्लड बैंकों में हर साल 40 हजार यूनिट ब्लड का क्लेक्शन होता है। राज्य सरकार ने इसी आकलन के आधार पर केंद्र से प्रोसेसिंग फीस की मांग की है। रिम्स में हर दिन 50 से 60 यूनिट ब्लड मरीजों को दिया जाता है।

 

यहां मिलेगा मुफ्त खून:रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर, पीएमसीएच धनबाद के अलावा सदर अस्पताल गिरिडीह, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, प. सिंहभूम, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, दुमका, साहेबगंज, देवघर, पलामू, गढ़वा, लातेहार और पाकुड़।

 

अभी लागू है ये व्यवस्था:सरकारी अस्पतालों के मरीजों को रक्त चढ़ाने की जरूरत होने पर ब्लड मंगाया जाता है। इसके लिए मरीजों के परिजन रक्तदाता (डोनर) लेकर जाते थे। रक्तदान के बाद प्रोसेसिंग शुल्क का भुगतान करना पड़ता था, तभी मरीज को ब्लड मिलता है।

 

सिर्फ इन्हें मिलता था मुफ्त : सरकारी ब्लड बैंकों से अभी तक सिर्फ बीपीएल कार्डधारक, थैलीसीमिया, हीमोफीलिया, एचआईवी, गर्भवती, कैदी, लावारिस मरीजों को मुफ्त ब्लड उपलब्ध कराया जाता है। अस्पताल के अधिकारियों को ही प्रोसेसिंग शुल्क माफ करने का अधिकार है, फार्म पर इनकी संस्तुति जरूरी है।

 

प्राइवेट ब्लड बैंक लेते हैं 350 से 1050 रुपए:निजी ब्लड बैंक प्रोसेसिंग फीस के नाम पर 350 से 1050 रुपए लेते हैं। एक्सचेंज के बाद क्रायोफ्रेसीविटेट का 350 रुपए, प्लेटलेट का 500 रुपए, फ्रेश फ्रोजन प्लाज्मा के 400 रुपए और पैक्ड रेड सेल के 1020 रुपए प्रोसेसिंग फीस ली जाती है। झारखंड स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल ने ब्लड एवं ब्लड 
कंपोनेंट के इस प्रोसेसिंग चार्ज का निर्धारण किया है।

 

अब एनएचएम देगा प्रोसेसिंग का खर्च:रक्तदान से जुड़ी संस्थाआें ने कई बार प्रोसेसिंग फीस माफ करने की मांग उठाई थी। इस पर नाको ने केंद्र सरकार को प्रोसेसिंग शुल्क का भुगतान एनएचएम के बजट से करने का प्रस्ताव दिया था। इस पर केंद्र ने सहमति दे दी है। अब एनएचएम सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंक में खपत यूनिट के हिसाब से प्रोसेसिंग शुल्क का बजट उपलब्ध कराएगा।

 

आदेश के बाद सभी को नि:शुल्क मिलेगा ब्लड :रिम्स में औसतन 50 से 60 यूनिट ब्लड प्रतिदिन मरीजों को दिया जाता है। अभी तक 350 रुपए प्रोसेसिंग फीस के रूप में लिए जाते थे। निजी अस्पताल में भरती मरीजों को भी इसी रेट पर ब्लड दिया जाता था। सरकार के आदेश के बाद अब सभी को ब्लड निशुल्क दिया जाएगा। – डॉ. एके श्रीवास्तव, प्रभारी रिम्स ब्लड बैंक

 

 

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