जानते हैं हाई ग्रेड कैंसर क्या होता है और किन लक्षणों के आधार पर ग्रेड तय होती है।
हेल्थ डेस्क.एक्ट्रेस सोनाली बेंद्रे दी कि उन्हें हाई ग्रेड कैंसर हो गया है। उनका इलाज न्यूयॉर्क में चल रहा है। अपनी पोस्ट में उन्होंने मेटास्टेसिस कैंसर का जिक्र किया है जिसे फोर्थ स्टेज का कैंसर भी कहते हैं। जून में सोनाली को मुंबई के हिंदुजा हेल्थकेयर हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। तब उन्हें गायनोलॉजिकल प्रॉब्लम होने की खबर सामने आई थी। एक्सपर्ट मेडिकलआॅन्कोलॉजिस्ट डॉ. संदीप जसूजा से जानते हैं हाई ग्रेड कैंसर क्या होता है और किस आधार पर कैंसर की ग्रेड तय होती है।
क्या होता है हाई ग्रेड कैंसर
कैंसर का ग्रेड क्या है ये तीन कंडिशंस के आधार पर तय होता है। सबसे पहले डॉक्टर कैंसरस और स्वस्थ कोशिकाओं की तुलना करते हैं। स्वस्थ कोशिकओं के ग्रुप में कई प्रकार के टिश्यू शामिल होते हैं जबकि कैंसर होने पर भी इससे मिलती-जुलती लेकिन असामान्य कोशिकाओं का ग्रुप जांच में दिखाई देता है, इसे लो-ग्रेड कैंसर कहते हैं। वहीं जब कैंसरस कोशिकाओं से स्वस्थ कोशिकाएं जांच में अलग दिखाई देने लगती हैं तो इसे हाई ग्रेड ट्यूमर कहते हैं। कैंसर के ग्रेड के आधार पर डॉक्टर पता लगाते हैं कि यह कितनी तेजी से फैल सकता है। लो-ग्रेड यानी कैंसर की शुरुआती स्टेज में पता लगने पर इलाज संभव है।
ऐसे तय होता है कैंसर का ग्रेड
मरीज कैंसर की कौन सी स्टेज या ग्रेड पर है यह तीन बातों के आधार पर तय होता है।
1. बदलाव:शरीर में मौजूद स्वस्थ कोशिकाओं से कैंसर कोशिकाएं कितना अलग हैं। जितना ये अलग होंगी यह ग्रेड के बढ़ने की ओर इशारा होगा।
2 डिवीजन:शरीर में कैंसर कोशिकाओं की कितनी तेजी से टूटकर संख्या बढ़ रही है, जितनी संख्या ज्यादा उतना गंभीर होता है कैंसर।
3. ट्यूमर सेल्स: ट्यूमर में कोशिकाओं की संख्या कितनी है जो धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं, यह भी मायने रखता है।
ये ट्यूमर फैलने की गंभीर स्थिति है
डॉ. संदीप जसूजा के मुताबिक हाई ग्रेड कैंसर में ट्यूमर तेजी से बॉडी में फैलते हैं। ये ट्यूमर की काफी एग्रेसिव कंडिशन है। ये शरीर के किस अंग में हुआ है, मरीज की उम्र और वर्तमान में हाईग्रेड की कौन सी स्टेज है, इसके आधार पर ट्रीटमेंट तय किया जाता है।
पोस्ट में बताया मेटास्टेटिक कैंसर
सोनाली बेंद्रे ने जो पोस्ट ट्विटर और इंस्टाग्राम पर शेयर की है उनमें मेटास्टेटिक कैंसर का जिक्र किया है। यह कैंसर का काफी गंभीर रूप होता है। ऐसी स्थिति कैंसर के ट्यूमर तेजी से शरीर के एक हिस्से से दूसरे में फैलते हैं। इसे फोर्थ स्टेज का कैंसर भी कहते हैं। कैंसर सेल्स के शरीर के एक से दूसरे हिस्से में फैलने की प्रक्रिया को मेटास्टेसिस कहते हैं।
समझें कैंसर की स्टेज और ग्रेड का फर्क
कैंसर की स्टेज और ग्रेड में फर्क होता है। कैंसर की स्टेज के आधार पर यह जानकारी मिलती है कि ये शरीर में किस हद तक फैल चुका है। वहीं ग्रेड ये बताता है कि ट्यूमर के शरीर में फैलने की क्षमता कितनी है।