रांची में मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्था पर नवजात की बिक्री का आरोप लगा है. इस मामले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम की एक कर्मचारी को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया है. साथ ही दो और सिस्टर को हिरासत में लिया गया है.
आरोप है कि चैरिटी होम की महिला संचालक के साथ मिलकर आधा दर्जन नवजात को अबतक बेच चुकी है. चाइल्ड वेलफेयर कमेटी यानी CWC की जांच में इस तथ्य का खुलासा हुआ है कि एक बच्चा के एवज में 1.20 लाख रुपये तक लिये गये थे.
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी की सदस्य सीमा देवी ने बताया कि होम की कर्मचारी अनिमा इंदवार शक के घेरे में है. फिलहाल रांची की कोतवाली पुलिस उसे गिरफ्तार कर चुकी है. पुलिस का भी कहना है कि खुद अणिमा ने स्वीकार किया कि अब तक आधा दर्जन नवजात को चैरिटी होम की संचालिका सिस्टर कोनसीलिया के साथ मिलकर बेच चुकी है. मानव तस्करी और अवैध रूप से बच्चा बेचने का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद पुलिस जांच तेज़ कर दी है.
पुलिस के मुताबिक इस दौरान आरोपियों ने पुलिस के समक्ष बच्चा बेचने की बात कबूली है. अभी तक प्रथम दृष्ट्या चार बच्चे को इलीगल रूप से बेचने का मामला सामने आ चूका है. पूछताछ के क्रम में पुलिस को यह भी जानकारी मिली कि अबतक संस्था की ओर से रांची के कांटाटोली, मोरहाबादी, सिमडेगा और यूपी में बच्चे को बेचा जा चुका है. इस एवज में खरीदारों से अच्छी रकम भी ली गई है.
जांच में यह भी सामने आया कि एक अविवाहित मां मिशनरी ऑफ चैरिटी संस्था के संरक्षण में रहती थी. उसके डेढ़ माह के बच्चे को संस्था द्वारा यूपी के निवासी सौरभ कुमार अग्रवाल और उसकी पत्नी प्रीति को दे दिया. इसके बदले दोनों से अस्पताल खर्च के नाम पर एक लाख 20 हजार रुपये भी लिए गए.
यह राशि संस्था की अनिमा इंदवार, सिस्टर कनसिलिया और गार्ड के बीच बांटी गई थी. लेकिन पैसा लेने के बाद भी उन्हें बच्चा नहीं मिला जिसकी शिकायत उन्होंने CWC से की. फिलहाल इस मामले की जांच जारी है. पुलिस का कहना है कि इस मामले में कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है.