बिहार बोर्ड से पास होने वाले विद्यार्थियों को एक से एक समस्या का सामना करना पड़ रहा है। नई समस्या दाखिले की है। विद्यार्थियों का पटना विश्वविद्यालय के कॉलेजों में दाखिला नहीं हो पा रहा है। .
दरअसल, बिहार बोर्ड के विद्यार्थियों को ऑरिजनल अंकपत्र नहीं मिला है। इसकी वजह से उन्हें स्कूल या कॉलेज परित्याग प्रमाण पत्र (एसएलसी/सीएलसी) नहीं पा मिल रहा है। अब छात्र बिना दोनों सर्टिफिकेट के कॉलेज में दाखिला के लिए पहुंच रहे हैं। ऐसे में कॉलेज उनका दाखिला नहीं ले पा रहे हैं। पटना कॉलेज में शुक्रवार से नामांकन शुरू हुआ है।
नामांकन का काम देख रहे डॉ. रणधीर कुमार सिंह के मुताबिक, अनारक्षित वर्ग के 145 में सिर्फ 74 विद्यार्थियों का दाखिला हो पाया। ये विद्यार्थी सीबीएसई या आईसीएसई के हैं। बिहार बोर्ड के छात्र निराश होकर कॉलेज से लौट रहे हैं। पटना विश्वविद्यालय में 9 जुलाई के बाद दाखिला बंद हो जाएगा। ऐसे में विद्यार्थियों के सामने भारी संकट आ गया है।
वाणिज्य महाविद्यालय में भी समान समस्या :
समान समस्या वाणिज्य महाविद्यालय में भी आ रही है। यहां से भी बिहार बोर्ड के विद्यार्थी निराश होकर लौट रहे हैं। कॉलेज का भी नुकसान हो रहा है। अब तक 50 फीसदी सीटों पर नामांकन हो जाता है, लेकिन दो दिनों में सिर्फ 50 सीटों पर नामांकन हुआ है। यहां के प्राचार्य डॉ. बीएन पांडेय का कहना है कि यदि स्कूल या कॉलेज यह भी लिख कर दे दें कि अभी विद्यार्थियों का अंक पत्र नहीं आया है तो कॉलेज प्रशासन नामांकन लेने पर विचार कर सकता है।
आईआईटी व एनआईटी में ऑनलाइन जांच रहे अंक पत्र:
बिहार बोर्ड के विद्यार्थियों को आईआईटी और एनआईटी में भी नामांकन लेने में परेशानी आ रही है। हालांकि इन दोनों जगहों पर विद्यार्थियों का अंकपत्र ऑनलाइन जांच कर नामांकन लिया जा रहा है। सीएलसी या एसएलसी अपने इंस्टीट्यूट में जाने के बाद लगेगा। शुक्रवार तक आईआईटी में 400 तक एनआईटी में 500 से अधिक नामांकन हुए। यहां नामांकन के लिए बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश और झारखंड के बॉर्डर जिलों से विद्यार्थी आ रहे हैं।