कानपुर के लाला लाजपत राय अस्पताल में गुरुवार की रात पांच मरीजों की मौत हो गई.
पांचों मरीज आईसीयू में भर्ती थे. परिजनों का आरोप है कि उनकी मौत आईसीयू में ‘एसी बंद’ होने की वजह से हुई है.
वहीं, अस्पताल से संबद्ध कॉलेज प्रशासन ने परिजनों के आरोपों को खारिज किया है. गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल नवनीत कुमार ने कहा है कि मरीज़ों की मौत बीमारी की वजह से हुई है.
नवनीत कुमार ने कहा, “हम लोगों के पास दो एसी हैं- 10 टन का और 16 टन का. पहले भी कुछ खराबी आई थी, जिसे ठीक करा लिया गया था. पिछली रात को भी खराबी आई थी.”
उन्होंने आगे कहा, “दो की मौत दिल का दौरा पड़ने से और दो की मौत गंभीर बीमारी से हुई है.”
निर्धारित तापमान में ही काम करती हैं मशीनें
कानुपर के ज़िलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने मौत की जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा, “आईसीयू की एसी फेल हो गई थी. लेकिन हमलोग उसे जल्द ही ठीक करवाने की कोशिश कर रहे हैं. मौत की जांच करने के लिए एक विशेष टीम कानपुर आ रही है.”
इधर, सभी सरकारी अस्पतालों के आईसीयू के प्रमुख डॉ. सपन गुप्ता ने भी एसी फेल होने की बात स्वीकारी है. उन्होंने कहा, “आईसीयू की मशीनें एक निर्धारित तापमान पर काम करती हैं. यहां का तापमान 25 से 30 डिग्री होना चाहिए. एसी का फेल होना मौत की वजह हो सकती है.”
घटना के वक्त आईसीयू में कुल 11 मरीज भर्ती थे, जिनमें से चार बच्चे थे.
डर
घटना के बाद भर्ती कराने आए मरीजों के परिजन में डरे हुए हैं. कानपुर देहात की शिल्पी ने बीबीसी से कहा कि उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो प्राइवेट अस्पातल जाए, इसलिए मजबूरी में सरकारी अस्पताल आना पड़ा.
शुक्रवार की सुबह शिल्पी ने अपनी मां को अस्पातल के आईसीयू में भर्ती करवाया है.
उन्होंने कहा, “मैं थोड़ी डरी हुई हूं लेकिन मेरे पास अस्पातल में मां को भर्ती कराने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है. मैं प्राइवेट अस्पतालों के खर्च नहीं उठा सकती.”