ब्याज दरों में राहत का इंतजार कर रहे कर्जधारकों को रिजर्व बैंक के इस फैसले के चलते इंतजार करना होगा। केंद्रीय बैंक ने बुधवार को अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति का ऐलान करते हुए रीपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स का इजाफा कर दिया है। इस फैसले के साथ ही अब रीपो रेट बढ़कर 6.25 पर्सेंट हो गई है। इसके अलावा रिवर्स रीपो रेट भी बढ़कर अब 6 फीसदी हो गई है। ऐसे में कमर्शल बैंकों की ओर से दिए जाने वाले होम लोन, ऑटो लोन समेत कई तरह के ऋण महंगे हो सकते हैं। जानें, होम लोन लेने वालों पर इस फैसले का होगा क्या असर…
कर्जधारकों को नहीं मिली कोई राहत
आरबीआई की ओर से रीपो रेट में इजाफा किए जाने के बाद अब बैंकों की ओर से भी मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेडिंग रेट्स में बढ़ोतरी की जा सकती है। कहने का मतलब यह है कि अब बैंक भी कर्ज की दरों में इजाफा कर सकते हैं। बता दें कि कुछ बैंकों की ओर से पिछले सप्ताह ही इस बढ़ोतरी की शुरुआत की जा चुकी है। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने पहले ही इस साल अब तक दो बार ब्याज दर में इजाफा किया है। पिछले सप्ताह ही बैंक ने किसी भी अवधि के लिए एमसीएलआर में 10 बेसिस पॉइंट्स की बढ़ोतरी की थी। यही नहीं एचडीएफसी, पंजाब नैशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और हाउसिंग डिवेलपमेंट फाइनैंस कॉर्प. की ओर से भी यह इजाफा किया जा चुका है।
कर्जधारक के तौर पर क्या करें
पैसा बाजार डॉट कॉम के सीईओ और को-फाउंडर नवीन कुकरेजा ने कहा, ‘नया होम लोन लेने वाले लोगों को आखिरी फैसला लेने से पहले तमाम बैंकों के ऑफर्स पर विचार करना चाहिए। उसके बाद ही कोई कर्ज लेना चाहिए। इसकी वजह यह है कि अलग-अलग बैंकों की दर अलग-अलग होती है। ऐसे में पूरी स्टडी के बाद ही लोन लेना चाहिए।’
ये बातें ध्यान रखें नए कर्जधारक
यदि आप लोन लेने के इच्छुक हैं और रेट कट का इंतजार कर रहे हैं, तो आपको और इंतजार नहीं करना चाहिए। यदि आपने अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत छूट के लिए अप्लाई नहीं किया है तो इस काम को तुरंत करें। आपकी इनकम के आधार पर यह सरकार द्वारा दी गई छूट है। इस स्कीम के तहत छूट लेने की आखरी तारीख 31 मार्च 2019 है।
पहले से ले रखा है लोन तो जानें क्या होगा असर
जिन लोगों ने पहले से लोन ले रखा है, उनकी EMI पर इसका सीधा असर होगा। हालांकि बढ़ी हुई ईएमआई का अहसास आपको तब होगा, जब आपके लोन की रीसेट डेट आएगी। रीसेट डेट के दौरान आपकी भविष्य की ईएमआई एमसीएलआर के आधार पर कैलकुलेट की जाएंगी। यदि रीसेट डेट के बाद आपके होम लोन पर ब्याज की दरें बढ़ती हैं तो होम लोन लेने वाले अपने रेट की तुलना दूसरे बैंकों से कर सकते हैं और अपनी सुविधानुसार लोन ट्रांसफर भी कर सकते हैं।