कारोबार

चंदा कोचर पर लगाए नए आरोप शिकायतकर्ता ने

आइसीआइसीआइ बैंक ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा है कि बैंक की एमडी व सीईओ चंदा कोचर को जबर्दस्ती छुट्टी पर नहीं भेजा गया है

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। जिस शिकायतकर्ता की शिकायत पर आइसीआइसीआइ बैंक ने अपनी एमडी व सीईओ चंदा कोचर के खिलाफ जांच का फैसला किया है, उसने कोचर पर शुक्रवार को ‘मदद के बदले लाभ’ के नए आरोप लगाए हैं। शिकायतकर्ता अरविंद गुप्ता का आरोप है कि एस्सार ग्रुप के रुइया बंधुओं ने आइसीआइसीआइ बैंक से मिले कर्ज के एवज में कोचर के पति दीपक कोचर नियंत्रित न्यूपावर ग्रुप में बार-बार निवेश किया।

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस वर्ष 11 मई को लिखे पत्र में गुप्ता ने कहा कि रुइया बंधुओं ने दामाद निशांत कनोडिया और भतीजे अनिरुद्ध भुवालका के जरिये न्यूपावर और उसकी सहायक कंपनियों में दिसंबर, 2010 और मार्च, 2012 के बीच निवेश किए। गौरतलब है कि गुप्ता ने दो वर्ष पहले प्रधानमंत्री को आइसीआइसीआइ बैंक, चंदा कोचर और वीडियोकॉन ग्रुप के बीच ‘कर्ज के बदले लाभ’ की जानकारी दी थी। न्यूपावर रिन्युएबल्स द्वारा रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज (आरओसी) में दाखिल आंकड़ों का हवाला देते हुए गुप्ता ने पत्र में लिखा कि कनोडिया ने मैटिक्स ग्रुप की होल्डिंग कंपनी फर्ट्िलैंड होल्डिंग्स के जरिये न्यूपावर में निवेश किया।

चंदा कोचर की छुट्टी पर बैंक की सफाई: आइसीआइसीआइ बैंक ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा है कि बैंक की एमडी व सीईओ चंदा कोचर को जबर्दस्ती छुट्टी पर नहीं भेजा गया है, बल्कि वे सालाना अवकाश पर गई हैं। इसके साथ ही निदेशक बोर्ड ने कोचर के उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी गठित करने संबंधी खबरों का भी खंडन किया है। गौरतलब है कि बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को कर्ज देने के मामले में चंदा कोचर के खिलाफ कथित हितों के टकराव और भाई-भतीजावाद के आरोपों की जांच कराने का फैसला किया है।

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