एटीएम में से पैसा निकालने, चेक बुक जारी करने जैसी बिना किसी शुल्क के मिलने वाली बैंकिंग सुविधाओं पर गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) नहीं चुकाना होगा, लेकिन क्रेडिट कार्ड के बिल भुगतान में देरी पर लगा जुर्माना, म्यूचुअल फंड से बाहर निकलने पर लगने वाले शुल्क और अनिवासी भारतीयों द्वारा इंश्योरेंस पॉलिसी की खरीद जैसी चीजों पर आपको अतिरिक्त पैसा चुकाना पड़ सकता है।
राजस्व विभाग की तरफ से बैंकिंग, इंश्योरेंस और स्टॉक ब्रोकर सेक्टर में जीएसटी लगने या नही लगने से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (एफएक्यू) का एक सेट जारी किया गया है, जिसमें विभाग ने स्पष्ट किया है कि प्रतिभूतिकरण (सिक्योरिटाइजेशन), डेरिवेटिव, भविष्य व आगे के अनुबंधों से जुड़े लेनदेन को जीएसटी से छूट मिलेगी।
बता दें कि पिछले महीने बैंकों को निशुल्क सेवाओं के लिए भी सर्विस टैक्स चुकाने का नोटिस मिलने पर सरकार के वित्तीय सेवा विभाग ने राजस्व विभाग से इन लेनदेन को जीएसटी से छूट देने का आग्रह किया था।