पूर्व और उत्तर-पूर्व को छोड़कर पूरे देश में इस साल भी सामान्य मानसून रहेगा। मौसम विभाग ने बुधवार को अपने दूसरे चरण के दीर्घावधि पूर्वानुमान में यह संभावना जताई है। उसके अनुसार उत्तर-पश्चिम के राज्यों उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में 100 फीसदी, मध्य भारत में 99 प्रतिशत, दक्षिण भारत में सामान्य से कुछ कम 95 प्रतिशत बारिश होने के आसार हैं। हालांकि पूर्व और उत्तर-पूर्व के राज्यों पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और पूर्वोत्तर में सामान्य से कुछ कम लगभग 93 प्रतिशत बारिश हो सकती है।

मौसम विभाग के अनुसार, देश में लगातार तीसरे साल मानसून सामान्य रहेगा। देशभर में जुलाई महीने में 101 फीसदी और अगस्त में 94 फीसदी बारिश हो सकती है। हालांकि इसमें 9 फीसदी की कमी या वृद्धि संभव है।
विभाग के अनुसार, इस साल देश में दक्षिणपश्चिम मानसून मौसम (जून से सितंबर) सामान्य रहेगा। इस दौरान दीर्घावधि (लांग पीरियड एवरेज या एलपीए) में 96 से 104 फीसदी बारिश के आसार हैं। परिणामस्वरूप मानसून सीजन में पूरे देश में दीर्घावधि में औसतन 97 फीसदी बारिश की संभावना है। हालांकि इसमें 4 फीसदी की कमी या बढ़ोतरी हो सकती है।

मानसून केरल में पहुंच चुका है। इसके अगले 48 घंटों में उत्तर-पूर्वी राज्यों के कुछ हिस्सों में पहुंचने की संभावना है। दक्षिणपूर्व मानसून 3 जून तक दक्षिण भारत के कुछ और हिस्सों में पहुंच सकता है। महाराष्ट्र और गोवा में 6 जून से मानसूनी बारिश हो सकती है।

90 से 96 फीसदी के बीच दीर्घावधि की मानसूनी बारिश को सामान्य से कम और 96 से 104 फीसदी के बीच दीर्घावधि की बारिश को सामान्य माना जाता है। 90 फीसदी से नीचे की बारिश को कम माना जाता है। 104-110 के बीच की मानसूनी बारिश को सामान्य से अधिक और 110 फीसदी से अधिक बारिश को अत्यधिक माना जाता है।

मौसम पूर्वानुमान जताने वाली निजी कंपनी स्काईमेट ने जून महीने में 111 फीसदी बारिश की संभावना जताई है जोकि की अत्यधिक बारिश की श्रेणी में आती है। हालांकि जुलाई और अगस्त में दीर्घावधि में 97 और 96 फीसदी बारिश हो सकती है। सितंबर में 101 फीसदी बारिश की संभावना है।