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भारत में हर दिन तंबाकू की वजह से हो रही 2739 लोगों की मौत

नई दिल्ली
आज 31 मई दुनिया भर में तंबाकूनिषेध दिवस मनाया जा रहा है और तंबाकू से दूर रहने की नसीहत दी जा रही है क्योंकि तंबाकू बीमारियों की जड़ है। WHO ने तंबाकू और धूम्रपानके अन्य उत्पादों से होने वाली बीमारियों और मौतों की रोकथाम को ध्यान में रखते हुए इस साल की थीम ‘टोबैको ऐंड कार्डियोवस्क्युलर डिसीज यानी तंबाकू और हृदय रोग’ रखा है। आंकडे़ बताते हैं कि दुनियाभर में हर साल 70 लाख लोग और भारत में हर दिन करीब 2739 लोग तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादों के कारण कैंसर व अन्य बीमारियों से दम तोड़ देते हैं

तंबाकू से बढ़ता है हृदय रोग का खतरा ]

वॉयस ऑफ टोबैको विक्टिम्स (VOTB) के पेट्रन व कैंसर सर्जन डॉ. टी.पी. साहू ने बताया कि ‘दुनिया में कार्डियोवस्क्युलर से होने वाली मौत और अक्षमता की रोकथाम के लिए तंबाकू पर रोक सबसे जरूरी है। धूम्रपान से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। साथ ही तंबाकू का धुआं रहित रूप भी समान रूप से हानिकारक है।

 

धुंआ रहित तंबाकू का सेवन धूम्रपान से अधिक
‘ग्लोबल अडल्ट तंबाकू सर्वेक्षण’(GATS-2) 2016-17 के अनुसार, भारत में धुआं रहित तंबाकू का सेवन धूम्रपान से कहीं अधिक है। वर्तमान में 42.4 फीसदी पुरुष, 14.2 फीसदी महिलाएं और सभी वयस्कों में 28.8 फीसदी धूम्रपान करते हैं या फिर धुआं रहित तम्बाकू का उपयोग करते हैं। आंकड़ों के मुताबिक इस समय 19 फीसदी पुरुष, 2 फीसदी महिलाएं और 10.7 फीसदी वयस्क धूम्रपान करते हैं, जबकि 29.6 फीसदी पुरुष, 12.8 फीसदी महिलाएं और 21.4 फीसदी वयस्क धुआं रहित तंबाकू का उपयोग करते हैं।

 

 

तंबाकू सेवन से नुकसान
तंबाकू सेवन से दिल के दौरे से मरने की आशंका अधिक
टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के प्रफेसर डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि तम्बाकू का सेवन किसी भी रूप में शरीर के किसी भी हिस्से को हानिकारक प्रभाव से नहीं बचाता। यहां तक कि धुआं रहित तंबाकू प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में भी इसी तरह के दुष्प्रभाव का कारण बनता है। हमारे शरीर के अंगों को सीधे नुकसान पहुंचाने के अलावा, धुआं रहित तम्बाकू का सेवन करने से दिल के दौरे से मरने की संभावना काफी बढ़ जाती है। डॉ पंकज ने बताया कि सभी कार्डियोवस्क्युलर (CV) रोगों में लगभग 10 फीसदी का कारण तम्बाकू का उपयोग है।
धूम्रपान को खतरनाक मानते हैं 10 में से 7 लोग
गैर सरकारी संस्था फाउन्डेशन फॉर स्मोक फ्री वर्ल्ड द्वारा जारी आंकड़ों में खुलासा हुआ है कि देश में धूम्रपान करने वाले प्रत्येक 10 में से 7 लोग धूम्रपान को सेहत के लिए खतरा मानते हैं और 53 फीसदी लोग धूम्रपान छोड़ने की कोशिशों में नाकाम साबित हुए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि धूम्रपान करने वालों को ऐसे विकल्प और तरीके उपलब्ध कराने होंगे, ताकि वे लम्बा और सेहतमंद जीवन जी सकें। रिपोर्ट के मुताबिक, अकेले भारत में 10.4 करोड़ से अधिक लोग तंबाकू के सेवन से अपनी सेहत को नुकसान पहुंचा रहे हैं। फाउन्डेशन की रिपोर्ट के नतीजे…
– धूम्रपान करने वाले 68 फीसदी लोगों ने बताया कि वे धूम्रपान के बुरे प्रभावों के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं।
– धूम्रपान करने वाले 51 फीसदी लोगों ने बताया कि वे इसे छोड़ने की योजना बना रहे हैं।
– 41 फीसदी लोग ऐसे हैं जो स्मोकिंग छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं और उन्हें इसके लिए किसी की मदद की जरूरत है।
– 25 फीसदी लोग धूम्रपान छोड़ने के लिए ई-सिगरेट या वेपिंग डिवाइस इस्तेमाल कर रहे हैं।
1 सिगरेट पीने से कम होते हैं जिंदगी के 11 मिनट
कुछ लोग यह कहकर सिगरेट पीते हैं कि उन्हें इससे फ्रेश महसूस होता है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि 1 सिगरेट पीने से जिंदगी के 11 मिनट कम हो जाते हैं। इसके अलावा 1 सिगरेट में 4 हजार ऐसे केमिकल्स होते हैं जिससे कैंसर फैलता है। दुनिया में हर 6 सेकंड में 1 मौत तंबाकू सेवन के कारण होती है। तंबाकू में कई केमिकल होते हैं, जिनमें निकोटिन प्रमुख है। निकोटिन हमारे नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। इसे लेने से इंसान को फौरी तौर पर बेहतर और हल्का महसूस होता है लेकिन जल्दी ही इसकी लत लग जाती है।

पैसिव स्मोकिंग भी है खतरनाक
घर और सार्वजनिक स्थलों पर सिगरेट व बीड़ी का धुआं दूसरों को पिलाने यानी पैसिव स्मोकिंग के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के प्रफेसर व सर्जन डॉ. पंकज चतुर्वेदी ने कहा, ‘पैसिव स्मोकिंग से हृदय प्रभावित होता है और धूम्रपान नहीं करने वालों में भी धूम्रपान से संबंधित रोग होने का खतरा रहता है। कार्यस्थल और सार्वजनिक जगहों को धूम्रपान निषेध क्षेत्र बनाने की नीतियों को प्रभावकारी तरीके से लागू करना कारगर उपाय होगा और इससे धूम्रपान नहीं करने वालों को बचाया जा सकता है।’
रेत पर दिया संदेश
रेत पर नो टोबैको डे का संदेश
प्रसिद्ध सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने भी नो टोबैको डे के मौके पर पुरी के समुद्र तट पर रेत से यह तस्वीर उकेर कर लोगों को तंबाकू के सेवन से बचने और अपने साथ-साथ अपने परिवार के सदस्यों की भी सेहत का ख्याल रखने की नसीहत दी। सुदर्शन ने अपनी कला के माध्यम से लोगों को यह बताने की कोशिश की कि सिगरेट और तंबाकू किस तरह इंसान की सेहत को नुकसान पहुंचाता है।

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