इस महीने के आखिरी दो दिन यानि बुधवार और गुरुवार को देश के सभी बैंकों में हड़ताल रहेगी। इस हड़ताल की वजह आपकी सैलरी में देरी हो सकती है। इसके साथ ही एटीएम में पैसा भी नहीं मिलने के आसार हैं।
नेटबैंकिंग, RTGS, NEFT पर पड़ेगा असर
अगर आप नेटबैंकिंग, आरटीजीएस, एनईएफटी करते हैं तो यह सेवाएं नहीं मिलेंगी। नेटबैंकिंग वालों को परेशानी हो सकती है। इसके अलावा एटीएम में कैश मिलने पर भी दिक्कत हो सकती है। एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बडौदा, इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक, यूको बैंक सहित पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर के सभी बैंकों के अधिकारी- कर्मचारी यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले हड़ताल पर रहेंगे।
इस वजह से हो रही है हड़ताल
सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) द्वारा वेतन में दो फीसदी की ‘मामूली’ बढ़ोतरी के खिलाफ 30 मई से दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की धमकी दी है। अगर हड़ताल होती है तो फिर देश भर में अरबों रुपये का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने एक बयान में बताया कि बीते पांच मई को हुई बातचीत के दौरान आईबीए ने वेतन में दो फीसदी की बढ़ोतरी सहित दो प्रस्ताव दिए थे, जिसे खारिज कर दिया गया है।
पिछली बार हुई थी 15 फीसदी वृद्धि
इस महीने के आखिरी दो दिन यानि बुधवार और गुरुवार को देश के सभी बैंकों में हड़ताल रहेगी। इस हड़ताल की वजह आपकी सैलरी में देरी हो सकती है। इसके साथ ही एटीएम में पैसा भी नहीं मिलने के आसार हैं।
नेटबैंकिंग, RTGS, NEFT पर पड़ेगा असर
अगर आप नेटबैंकिंग, आरटीजीएस, एनईएफटी करते हैं तो यह सेवाएं नहीं मिलेंगी। नेटबैंकिंग वालों को परेशानी हो सकती है। इसके अलावा एटीएम में कैश मिलने पर भी दिक्कत हो सकती है। एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बडौदा, इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक, यूको बैंक सहित पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर के सभी बैंकों के अधिकारी- कर्मचारी यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले हड़ताल पर रहेंगे।
इस वजह से हो रही है हड़ताल
सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) द्वारा वेतन में दो फीसदी की ‘मामूली’ बढ़ोतरी के खिलाफ 30 मई से दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की धमकी दी है। अगर हड़ताल होती है तो फिर देश भर में अरबों रुपये का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने एक बयान में बताया कि बीते पांच मई को हुई बातचीत के दौरान आईबीए ने वेतन में दो फीसदी की बढ़ोतरी सहित दो प्रस्ताव दिए थे, जिसे खारिज कर दिया गया है।
पिछली बार हुई थी 15 फीसदी वृद्धि
इस महीने के आखिरी दो दिन यानि बुधवार और गुरुवार को देश के सभी बैंकों में हड़ताल रहेगी। इस हड़ताल की वजह आपकी सैलरी में देरी हो सकती है। इसके साथ ही एटीएम में पैसा भी नहीं मिलने के आसार हैं।
नेटबैंकिंग, RTGS, NEFT पर पड़ेगा असर
अगर आप नेटबैंकिंग, आरटीजीएस, एनईएफटी करते हैं तो यह सेवाएं नहीं मिलेंगी। नेटबैंकिंग वालों को परेशानी हो सकती है। इसके अलावा एटीएम में कैश मिलने पर भी दिक्कत हो सकती है। एसबीआई, पीएनबी, बैंक ऑफ बडौदा, इलाहाबाद बैंक, यूनियन बैंक, यूको बैंक सहित पब्लिक व प्राइवेट सेक्टर के सभी बैंकों के अधिकारी- कर्मचारी यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले हड़ताल पर रहेंगे।
इस वजह से हो रही है हड़ताल
सरकारी बैंकों के कर्मचारियों ने इंडियन बैंक एसोसिएशन (आईबीए) द्वारा वेतन में दो फीसदी की ‘मामूली’ बढ़ोतरी के खिलाफ 30 मई से दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की धमकी दी है। अगर हड़ताल होती है तो फिर देश भर में अरबों रुपये का कारोबार प्रभावित होने की आशंका है।
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस (यूएफबीयू) ने एक बयान में बताया कि बीते पांच मई को हुई बातचीत के दौरान आईबीए ने वेतन में दो फीसदी की बढ़ोतरी सहित दो प्रस्ताव दिए थे, जिसे खारिज कर दिया गया है।
पिछली बार हुई थी 15 फीसदी वृद्धि
एआईबीईए के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने बताया कि इसके अलावा, वह इस बात पर अड़े रहे कि अधिकारियों की मांगों पर बातचीत स्केल 3 तक ही सीमित रहेगी। पिछली बार आईबीए ने वेतन में 15 फीसदी की बढ़ोतरी की थी।
यूएफबीयू ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक एंप्लॉइज एसोसिएशन (एआईबीईए) तथा नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) सहित नौ संगठनों का एक निकाय है।
10 लाख कर्मचारी हड़ताल पर
यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के आह्वान पर देश के 10 लाख बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी 30 और 31 मई को हड़ताल पर रहेंगे। यूनियन के सचिव कामरेड इंद्रपाल राठी ने कहा कि आज बैंक कर्मचारियों व अधिकारियों के वेतन वृद्धि जो एक नवंबर 2017 से देय है।
आईबीए के दो प्रतिशत वृद्धि के शर्मनाक प्रस्ताव के विरोध में बैंक कर्मियों द्वारा प्रदर्शन किया गया है। बैंककर्मियों की मेहनत व ईमानदारी का दो प्रतिशत वृद्धि प्रस्ताव एक मजाक बन कर रह गया है। बैक कर्मचारी दूरदराज क्षेत्रों में विकट परिस्थिति में रोज 12 घंटे काम कर रहे हैं। सरकार की ऋण वसूली के लिए कडे़ कानून नही बनाए जा रहे हैं। जिससे बैंक के डिफाल्टर लाभ उठा रहे हैं।