रांची (ब्यूरो)। चारा घोटाले मामले में जेल की सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आज चौथे मामले में सीबीआई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा। ऐसे में आज का दिन लालू की मुश्किलें और बढ़ा सकता है। बता दें कि चारा घोटाले के तहत लालू प्रसाद के खिलाफ पांच मुकदमे दर्ज है, जिसमें चौथे मामले में कोर्ट आज फैसला लेगा।
क्या है दुमका ट्रेजरी मामला?
दुमका ट्रेजरी से दिसंबर 1995 से जनवरी 1996 के बीच गैरकानूनी तरीके से 3.76 करोड़ रुपए निकाले गए थे। इस मामले में सीबीआई ने 11 अप्रैल 1996 को 48 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। 11 मई 2000 को पहली चार्जशीट दायर की गई।
दोष सिद्ध होने पर 10 साल तक कैद का प्रावधान
दुमका कोषागार से जुड़े मामले में लालू यादव, पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा, जगदीश शर्मा सहित 31 आरोपी है। ऐसा माना जा रहा है कि कोर्ट का आज का फैसला भी लालू के खिलाफ आ सकता है। अगर ऐसा होता है तो लालू को कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है। बता दें कि लालू यादव सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।
दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाला मामले में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत फैसला सुनाएगी। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद व डॉ.जगन्नाथ मिश्र से जुड़ा यह चौथा मामला है, जिसमें फैसला आएगा। वर्तमान में लालू से जुड़े चारा घोटाले की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चल रही है। ऐसे में फैसला भी ई-कोर्ट रूम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनाए जाने की उम्मीद की जा रही है।
दुमका कोषागार से अवैध निकासी से संबंधित चारा घोटाले के इस मामले में अदालत 31 आरोपितों पर फैसला सुनाएगी। दुमका कोषागार से करीब 3.76 करोड़ रुपये की अवैध निकासी को लेकर सीबीआइ ने 1996 में प्राथमिकी दर्ज की थी। मूल आवंटन 1.5 लाख रुपये था। राशि की निकासी 1995 से 1996 के बीच हुई थी। मामले की जांच के बाद सीबीआई ने 11 अप्रैल, 1996 को प्राथमिकी दर्ज की थी।
49 अभियुक्तों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट की गई। इसमें तीन सरकारी गवाह बन गए थे। एक आरोपित दुमका के तत्कालीन कमिश्नर एसएन दुबे पर लगे आरोप ऊपरी अदालत से निरस्त हो गए थे। ट्रायल के दौरान 14 अभियुक्तों का निधन हो गया। वर्तमान में 31 अभियुक्त अदालत में ट्रायल फेस कर रहे हैं।
किन्हें सुनाई जाएगी सजा?
दुमका ट्रेजरी मामले में लालू प्रसाद यादव, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र, पूर्व सांसद डॉ. आरके राणा, जगदीश शर्मा समेत 31 आरोपी हैं।
1996 में सामने आया था घोटाला
जनवरी 1996 में करीब 950 करोड़ रुपए का चारा घोटाला पहली बार सामने आया था।
इसके तहत 1990 के दशक में चारा सप्लाई के नाम पर सरकारी ट्रेजरी से ऐसी कंपनियों को पैसे जारी किए गए जो थी ही नहीं।