गया: सिटी में 13 साल की नाबालिग को किडनैप करने के बाद उससे गैंगरेप का मामला सामने आया है। 24 जनवरी की शाम लड़की सामान खरीदने घर से निकली थी। मामले में पीड़िता की निशानदेही पर पुलिस ने छापेमारी कर होटल से आरोपी गणेश को पकड़ा।
फिर उसकी निशानदेही पर साथी आॅटो चालक आलोक को अरेस्ट कर लिया। थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद पीड़िता की चाची ने बताया कि 25 जनवरी को सूचना देने के बाद पुलिस ने दोनों युवकों को पकड़ा लेकिन केस दर्ज करने में टालमटोल करती रही। मेडिकल भी नहीं कराया, जब 27 को मीडिया के लोग पहुंचे तब पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए हॉस्पिटल भेजा। उधर, पुलिस अफसर हरि ओझा ने बताया कि लड़की को बहला- फुसलाकर ले जाने के बाद दोनों आरोपियों ने गैंगरेप किया है।
पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
लड़की को अगवा कर गैंगरेप किया जाता है। पुलिस दो युवकों को घटना के खुलासे के बाद 25 तारीख को ही पकड़ लेती है। इसके बाद न तो इन्हें जेल भेजा जाता है और न ही एफआईआर दर्ज की जाती है। पुलिस इंतजार में दिखती है। यह इंतजार होता है, शायद 72 घंटे बीतने का। 24 को दुष्कर्म, उसी दिन खुलासे के तीन दिन बाद 27 को एफआईआर दर्ज और लड़की को मेडिकल के लिए भेजना पुलिस की मजबूरी पर कई सवाल खड़े करती है।
एक विधायक का आ रहा था फोन
पीड़ित परिवार की मानें तो एक विधायक पुलिस पर आरोपितों को छोड़ने का दबाव बना रहे थे। पुलिस के पास कई बार फोन आया।