नई दिल्ली: रोटोमैक लोन घोटाले में सीबीआई ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई की। सीबीआई ने रोटोमैक कंपनी के प्रमोटर विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी को गिरफ्तार कर लिया। दिल्ली में 4 दिन की पूछताछ के बाद उनकी गिरफ्तारी की गई है। कोठारी पर 3700 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का आरोप है। इसके पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोठारी और उनके परिजनों के देश छोड़ने पर रोक लगा दी थी। रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी है।
रोटोमैक कंपनी को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुंबई शाखा से 485 करोड़ रुपये जबकि इलाहाबाद बैंक की कोलकाता शाखा से 352 करोड़ रुपये लोन लिया था। इनके अलावा, उन्होंने बाकी बैंकों से भी लोन लिए थे। एक साल बाद भी रोटोमैक कंपनी ने इन बैंकों का कथित तौर पर न लोन की रकम लौटाई और न ही ब्याज दिया। ऐसी स्थिति में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के मुताबिक एक ऑथराइज्ड कमिटी गठित की गई। इस कमिटी ने 27 फरवरी 2017 को रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लि. को विलफुल डिफॉल्टर (जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला) घोषित कर दिया। कमिटी ने खासकर बैंक ऑफ बड़ौदा की पहल पर यह आदेश पारित किया था।
सीबीआई ने बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर विक्रम कोठारी, साधना कोठारी, राहुल कोठारी समेत कुछ अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया।