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मोहन भागवत के इस बयान से मचा बवाल, राहुल गांधी ने कही ये बड़ी बात 

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नई दिल्ली : राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत के सेना वाले बयान पर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने इसे हर भारतीय का अपमान बताया है, क्‍योंकि यह उन लोगों का अपमान है जिन्‍होंने हमारे देश के लिए अपनी जान न्‍योछावर कर दी। उन्‍होंने यह भी कहा कि हमारे शहीदों और सेना का अपमान करने के लिए मोहन भागवत को शर्म आनी चाहिए।

कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी ने भागवत के बयान की निंदा की है। विवाद बढ़ता देख आरएसएस के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, मोहन भागवत ने सेना से संघ की तुलना नहीं की है, बल्कि ये कहा कि आम लोगों को सैनिक बनाने में छह महीने लगते हैं। अगर सेना ट्रेनिंग दे तो तीन दिन में स्वयंसेवक सैनिक बन जाएगा।

गौरतलब है कि रविवार को बिहार के मुजफ्फरपुर में भागवत ने कहा है कि सेना छह महीने में जितनी मिलिट्री तैयार करेगी, संघ तीन दिन में तैनात कर देगा। अगर कभी देश को जरूरत हो और संविधान इजाजत दे तो स्वयंसेवक मोर्चा संभालेंगे। उन्होंने छह दिवसीय मुजफ्फरपुर यात्रा के अंतिम दिन जिला स्कूल मैदान में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि संघ मिलिट्री संगठन नहीं है। यह एक पारिवारिक संगठन है, परन्तु संघ में मिलिट्री जैसा अनुशासन है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवक मातृभूमि की रक्षा के लिए हंसते-हंसते बलिदान देने को तैयार रहते हैं।

भागवत ने कहा कि देश की विपदा में स्वयंसेवक हर वक्त मौजूद रहते हैं। उन्होंने भारत-चीन के युद्ध की चर्चा करते हुए कहा कि जब चीन ने हमला किया तो सिक्किम सीमा क्षेत्र के तेजपुर से पुलिस-प्रशासन के अधिकारी डरकर बोरिया-बिस्तर लेकर भाग खड़े हुए। उस समय संघ के स्वयंसेवक सीमा पर मिलिट्री फोर्स के आने तक डटे रहे। स्वयंसेवकों ने तय किया कि अगर चीनी सेना आयी तो बिना प्रतिकार के उन्हें अंदर प्रवेश करने नहीं देंगे। स्वयंसेवकों को जब जो जिम्मेवारी मिलती है, उसे बखूबी निभाते हैं।

शाखा से निकले व्यक्ति की विशिष्ट पहचान 

मोहन भागवत ने कहा कि प्रत्येक दिन शाखाओं में एक घंटे के खेल और बौद्धिक में शामिल होने वाला व्यक्ति जीवन के किसी भी क्षेत्र में जाएगा, उसकी विशिष्ट पहचान बनेगी। वे हर क्षेत्र में पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपना कार्य करेंगे। चाहे वह आजीविका को लेकर व्यापार करें या प्रशासनिक सेवाओं में जायें। उन्होंने स्वयंसवेकों से व्यक्तिगत, पारिवारिक व सामाजिक जीवन में सजगता से आचरण की शुद्धता का उदाहरण प्रस्तुत करने का आह्वान किया।

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