नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज फिलिस्तीन की यात्रा पर होंगे। जहां उनका राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बातचीत करने का कार्यक्रम है। मोदी फिलस्तीन जाने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री होंगे।
चार दिन की पश्चिमी एशिया की यात्रा पर निकले पीएम मोदी सबसे पहले शुक्रवार को जार्डन के शाह अब्दुल्ला द्वितीय से मुलाकात की थी। भारत के विदेश संबंध में खाड़ी क्षेत्र और पश्चिम एशिया क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बताते हुए मोदी ने अपनी यात्रा से पहले कहा था कि उनकी यात्रा का लक्ष्य क्षेत्र में संबंधों को मजबूत करना है।
मोदी फलस्तीन सहित पश्चिम एशिया के तीन देशों की यात्रा के प्रथम चरण में सबसे पहले जॉर्डन पहुंचे थे। आज वह फिलिस्तीन में होंगे। माना जा रहा है पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान फिलिस्तीन में विशेष सुविधाओं वाले एक अस्पताल बनाने की घोषणा कर सकते हैं। इसे फिलस्तीन की राजधानी रामाल्लाह में बनाया जाएगा।
पीएम मोदी इस दौरान फिलस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास से मुलाकात करेंगे और फिलिस्तीन के विकास में भारत के सहयोग पर चर्चा होगी।
पीएम मोदी भारत के ऐसे पहले प्रधानमंत्री होंगे जो फिलिस्तीन के दौरे पर गए हैं। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि पीएम मोदी की इस यात्रा का मुख्य उदेश्य फिलिस्तीन के लोगों को वो इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएं मुहैया कराना है जो अभी तक उनको नहीं मिल पाई हैं।
भारत पहला गैर-अरब देश है जिसने फिलिस्तीन को मान्यता दी है और उनके साथ कूटनीतिक संबंध बनाए हैं। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत सरकार की ओर से इजराइल-फिलिस्तीन संबंधों पर रुख साफ किया गया है। दोनों देशों के साथ भारत के संबंध ‘स्वतंत्र’ और ‘विशेष’ हैं। भारत का साफ संदेश है कि इजराइल-फिलिस्तीन आपस के झगड़े मिलकर बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के सुलझाएं।
इससे पहले जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय के साथ मुलाकात में भी पीएम मोदी ने फिलिस्तीन को लेकर जॉर्डन की भूमिका पर बात की थी जिसमें जेरुसलम मुख्य मुद्दा था।
फिलिस्तीन के बाद प्रधानमंत्री यूएई के दौरे के लिए रवाना हो जाएंगे और फिर वहां से ओमान की राजधानी मस्कट जाएंगे। आपको बता दें कि हाल ही में इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भारत की छह दिवसीय यात्रा पर आये थे।
इससे पहले पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस्राइल की यात्रा पर गए थे, लेकिन तब वे फलस्तीन नहीं गए थे। तब विशेषज्ञों ने माना था कि भारत अपनी विदेश नीति में बदलाव कर रहा है। इससे पहले की सरकारों में दोनों ही देशों के बीच समान संबंध बनाए रखने की नीति अपनाई थी। लेकिन भारत के रुख साफ है कि इस्राइल के साथ बढ़ते सहयोग के बीच फिलिस्तीन के साथ संबंधों को संतुलित करने पर पूरा जोर दे रहा है।
पीएम मोदी फिलिस्तीन के सबसे बड़े नेता यासर अराफात की याद में बने संग्रहालय भी जाएंगे।