नई दिल्ली : देश में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र मे शोध एवं अनुसंधान कार्यों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय प्रधानमंत्री फेलोशिप योजना को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
केंद्र सरकार हर साल एक हजार इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को 70 से 80 हजार रु. तक की फेलोशिप देगी। इस बार के बजट में घोषित प्रधानमंत्री शोध फेलोशिप योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है।
गौरतलब है कि 1 फरवरी को संसद में पेश बजट में इस योजना की घोषणा सरकार ने की थी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार इस योजना पर 1650 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इस फेलोशिप योजना के तहत चुने गए छात्रों को आईआईटी और भारतीय विज्ञान संस्थान आदि में पीएचडी करने के लिए सीधे दाखिला मिल सकेगा।
शुरू के दो वर्षों मे छात्रों को प्रति वर्ष हर महीने 70 हजार रुपए और उसके बाद 75 हजार रुपए तथा चौथे और पांचवे वर्ष में 80 हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। इसके अलावा ढाई लाख रुपए की आकस्मिक निधि भी दी जाएगी।
फेलोशिप पाने वाले बीटेक स्टूडेंट अब सीधे पीएचडी में दाखिला ले सकेंगे। आईआईटी, एनआईटी, आईआईआईटी एवं भारतीय विज्ञान संस्थान के एमटेक व बीटेक के छात्र इसके लिए पात्र होंगे। इस योजना का मकसद ब्रेनड्रेन रोकने के साथ-साथ मेधावी छात्रों को देश में ही उच्च स्तरीय शोध सुविधाएं उपलब्ध करवाना है।
खुलेंगे 24 नए मेडिकल कॉलेज
मंत्रिमंडल ने अनारक्षित क्षेत्रों में 24 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना समेत स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए मानव संसाधनों की उपलब्धता को बढ़ावा देने के लिए लगभग 14,930 करोड़ रुपए की योजनाओं को मंजूरी दी। नए कॉलेजों के अलावा वर्ष 2020-21 तक मेडिकल कॉलेजों में 18,058 स्नातक और स्नातकोत्तर सीटों में वृद्धि की जाएगी। सरकार की योजना 248 नर्सिंग और मिडवाइफऱी स्कूलों को स्थापित करने की भी है। मौजूदा जिला/रेफरल अस्पतालों से संबद्ध 24 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना 2021-22 तक होगी। नए कॉलेजों की स्थापना और एमबीबीएस तथा पीजी सीटों में बढ़ौतरी से चिकित्सकों की उपलब्धता में वृद्धि होगी।