नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की विदेश यात्रा के लिए नौ फरवरी को रवाना होंगे। इस बार पीएम फिलिस्तीन, यूएइ और ओमान की यात्रा तय करने जा रहे हैं। पीएम की यात्रा के दौरान भारत और खाड़ी देशों के बीच व्यापार, निवेश, सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, ऊर्जा समेत कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय संबंधों पर जोर दिया जाएगा। पीएम की यह यात्रा नौ फरवरी से 12 फरवरी तक होगी।
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (खाड़ी) मृदुल कुमार ने बताया, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ओमान की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी खाड़ी क्षेत्र में विभिन्न कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों से मिलेंगे। यूएई में प्रधानमंत्री मोदी छठे वर्ल्ड गवर्नमेंट शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में पीएममोदी ‘विकास के लिए प्रौद्योगिकी’ विषय पर संबोधन देंगे। मृदुल कुमार ने कहा कि यह प्रधानमंत्री को विश्व समुदाय के साथ संलग्न करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगा। पीएम मोदी के तीन दिवसीय विदेश यात्रा का समापन 12 फरवरी को होगा।
10 फरवरी को फिलिस्तीन जाएंगे पीएम मोदी
बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी 10 फरवरी को फिलिस्तीन पहुंचेंगे, जहां वे फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात करेंगे। साथ ही पीएम दिवंगत यासर अराफात संग्रहालय भी जाएंगे और वहां पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। प्रधानमंत्री के रामल्ला की यात्रा के दौरान भारत और फिलिस्तीन के बीच पांच-छह अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।
यूएइ में छठे वर्ल्ड गवर्नमेंट शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे मोदी
10 फरवरी को देर शाम मोदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएइ) पहुंचेंगे और दुबई में छठे वर्ल्ड गवर्नमेंट शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। यह यूएइ की उनकी दूसरी यात्रा होगी। अगस्त, 2015 में उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री के रूप में यूएइ का दौरा किया था। पीएम मोदी अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान के साथ भी बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री की यूएई यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच व्यापार, निवेश एवं ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग को मजबूत बनाने पर चर्चा होगी।
12 फरवरी को ओमान पहुंचेंगे पीएम
11 फरवरी को मोदी ओमान के लिए रवाना होंगे। 12 फरवरी को वे ओमान के सीईओ के समूह के साथ चर्चा करेंगे। वहीं शिव मंदिर भी जाएंगे। प्रधानमंत्री वहां के दो उप प्रधानमंत्रियों के साथ मुलाकात करेंगे। भारत और ओमान के बीच काफी करीबी सामरिक संबंध है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच अभ्यास भी हुए हैं। ओमान हमारे जहाजों को सुविधाएं प्रदान करता है, साथ ही हमारे हवाई जहाजों को रिफ्यूलिंग की सुविधा भी प्रदान करता है।