तेहरान : ईरान में पिछले दिनों महिलाएं सड़कों पर बिना हिजाब के उतरीं। तेहरान पुलिस ने हिजाब नहीं पहनने के आरोप में 29 महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया। ईरानी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक इन महिलाओं ने 1979 के इस्लामिक रेवोल्यूशन के बाद से ही महिलाओं के लिए लागू अनिवार्य ड्रेस कोड के विरोध में हिजाब नहीं पहना था। महिलाओं के गिरफ्तार किए जाने के बाद महिलाओं के समर्थन में अमेरिकी विदेश मंत्रालय उतर आया है।
यूनाइटेड स्टेड ने समर्थन करते हुए लिखा है कि ईरान में महिलाएं हिजाब पहनने को मजबूर की जा रही हैं। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नौरेट ने ट्वीट कर कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका धर्म की स्वतंत्रता के अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करता है।
वहीं तेहरान की सड़कों पर बढ़ते भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया। इन प्रदर्शनकारियों को ईरान सरकार ने गिरफ्तार कर लिया। बिना हिजाब के सड़कों पर उतर रही विदेश मंत्रालय ने लिखा कि 29 महिलाएं सड़कों पर बिना हिजाब के निकलीं और उन्हें सरकार ने गिरफ्तार किया जाना नागरिकों के अधिकारों का हनन है। पिछले साल दिसंबर से चले आ रहे प्रदर्शनों का व्हाइट हाउस ने इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है।
ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी ने कहा कि अमेरिका ईरानी लोगों के प्रति फेक सिंपेथी दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि वह हर किसी को बेवकूफ नहीं बना सकते हैं। सिरजन में एक जनसभा को संबोधित करते हुए रोहानी ने कहा कि यह विरोध प्रदर्शन पहली बार नहीं हो रहा है।
ईरानी पुलिस ने इन महिलाओं को सामाजिक माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया है। ईरान की आईएलएनए और तनसीम न्यूज एजेंसी के मुताबिक इन महिलाओं को गिरफ्तारी के बाद इनका केस सरकारी अभियोजक के ऑफिस को रेफर कर दिया गया है।
मुख्य अभियोजक मोहम्मद जफर मोंटजेरी ने देश में चल रहे प्रदर्शनों को छोटी घटना बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होने आशंका जताई कि इन प्रदर्शनों के पीछे विदेशी हाथ हो सकता है। इस मामले पर मोंटजेरी ने अपने बयान में कहा, ‘जो लोग हिजाब के नियम का विरोध कर रहे हैं उन्हें जरूर विदेशी ताकतों ने भड़काया है।