जयपुर : भाजपा अपने कब्जे वाली अजमेर, अलवर लोकसभा सीट व मांडलगढ़ विधानसभा सीट बुरी तरह से हार गई। इन तीनों क्षेत्रों में अाने वाली कुल 17 विधानसभा सीटों में से एक भी सीट पर भाजपा पिछले चुनाव की बढ़त बरकरार नहीं रख पाई।
साल 2013 के विधानसभा चुनाव व 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इन्हीं सीटों को भारी अंतर से जीता था। चार साल में ही एंटीइनकमबेंसी इतनी बढ़ गई कि सारे समीकरण उल्टे हो गए।
अलवर सीट पर 2014 में भाजपा के महंत चांदनाथ ने कांग्रेस के भंवर जितेंद्र सिंह को 2 लाख 83 हजार वोटों के रिकॉर्ड अंतर से हराया। वहीं अजमेर लोकसभा में भाजपा के सांवरलाल जाट ने सचिन पायलट को और मांडलगढ़ विधानसभा में भाजपा की कीर्ति कुमारी ने विवेक धाकड़ को हराया था। अब अजमेर में भाजपा 84414 और अलवर में 196496 वोटों से हार गई।
भाजपा का घमंड चूर, कांग्रेस को मिला आशीर्वाद : रघु शर्मा
प्रदेश की भाजपा सरकार व उसके मंत्री व विधायक जिस तरह घमंड में चूर थे, उनके इस घमंड को जनता ने चकनाचूर कर दिया। आम जन सरकार के रवैये और नेताओं की मनमानी से पूरी तरह त्रस्त था। यह परिणामों में नजर भी आया। सभी विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस को मिली बढ़त बताती है कि स्थानीय स्तर पर भाजपा के मंत्री व नेताओं के प्रति आमजन में किस तरह की नाराजगी है। अजमेर की जनता ने कांग्रेस में जो विश्वास व्यक्त किया है उस पर खरे उतरेंगे और अजमेर की समस्याओं के निराकरण व विकास के लिए संसद में आवाज उठाई जाएगी।
टिकट घोषणा में देरी होने से हुआ नुकसान : डॉ. जसवंत यादव
लोकसभा उपचुनाव हारने के बाद भाजपा प्रत्याशी डॉ.जसवंत यादव ने कहा कि टिकट घोषणा में देरी होने से उन्हें नुकसान हुआ। टिकट मिलने में 20 दिन देर होने के कारण उन्हें लोगों तक पहुंचने का कम समय मिला। डॉ.यादव ने कहा कि सरकार के खिलाफ कोई एंटीइनकंबेंसी नहीं है। कांग्रेस का परंपरागत वोट उसकी तरफ शिफ्ट हो गया। मेव, एससी एवं एसटी मतदाताओं के बहुत कम वोट मुझे मिले। इस कारण मैं चुनाव हार गया। शेष सभी जातियों से मुझे भरपूर वोट मिले है। वे बोले कांग्रेस ने जन भावनाओं को भड़का कर वोट लिया। भाजपा के लिए मैं काम करता रहूंगा।