नई दिल्ली : केन्द्र में सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने के लिए राकांपा प्रमुख शरद पवार की अगुवाई में सोमवार देर शाम विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक हुई। बैठक में सभी प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं के नहीं पहुंच पाने के कारण इस मुद्दे पर अगले सप्ताह फिर विपक्षी नेता बैठक कर आगे की रणनीति तय करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक पवार के दिल्ली स्थित आवास पर हुई आज की बैठक में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला, भाकपा के डी राजा और जदयू के बागी नेता शरद यादव शामिल हुए। इससे पहले आज दिन में पवार ने विपक्ष की एकजुटता के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी बातचीत की थी। इसमें पवार ने विपक्षी नेताओं की आज शाम बैठक आहूत करने की घोषणा की। शरद यादव ने बताया कि केन्द्र और तमाम राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा सरकारों की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ जनता में लगातार बढ़ते गुस्से को देखते हुये विपक्ष की एकजुटता के प्रयास तेज किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि किसानों और युवाओं की बदहाली तथा सांप्रदायिकता के खतरे की समस्या को प्रमुखता से उठाने के लिये विपक्ष की एकजुटता जरूरी है। आज की बैठक में विपक्षी दलों की ओर से देशव्यापी स्तर पर भाजपा सरकारों की गलत नीतियों को उजागर करने की रणनीति पर शुरुआती विचार विमर्श किया गया। इस सिलिसिले को आगे बढ़ाते हुए अगले सप्ताह फिर से सभी विपक्षी दलों के नेता बैठक करेंगे। यादव ने बताया कि जल्द ही बैठक की तारीख तय कर ली जाएगी।
उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी को मुंबई में पवार की अगुवायी में ‘‘संविधान बचाओ’’ के नारे के साथ विरोध प्रदर्शन किया था। इसमें यादव, राजा और हार्दिक पटेल कांग्रेस के सुशील कुमार शिंदे, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला तथा त्रृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी सहित अन्य नेताओं ने हिस्सा लिया था। इस दौरान पवार ने विपक्षी एकजुटता की कार्ययोजना तय करने के लिये समान विचारधारा वाले दलों के नेताओं की 29 जनवरी को दिल्ली में बैठक करने की घोषणा की थी।