नई दिल्ली : अब आप शीघ्र ही उड़ान के दौरान विमान में कंप्यूटर और मोबाइल का उपयोग करने के साथ-साथ इंटरनेट का मजा ले सकेंगे। दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ने एयरलाइनों को भारतीय एयरस्पेस में इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी की अनुमति देने की सिफारिश की है। अभी तक इस तरह की सेवाएं भारतीय एयरस्पेस में उपलब्ध नहीं हैं, जबकि दूसरे देशों में ज्यादातर एयरलाइनें इस तरह की सेवाएं काफी पहले से उपलब्ध करा रही हैं।
इन-फ्लाइट कनेक्टिविटी पर जारी अपनी सिफारिशों में ट्राई ने कहा कि अब एयरलाइने कुछ शर्तों के साथ अपने यात्रियों को कुछ इंटरनेट व वाई-फाई सेवाएं प्रदान कर सकेंगी। कंप्यूटर व इंटरनेट सेवाएं विमान के उड़ान भरते ही शुरू की जा सकेंगी। परंतु मोबाइल सेवाओं के लिए विमान के 3000 मीटर से अधिक ऊंचाई पर पहुंचने का इंतजार करना होगा। दरअसल मोबाइल का इस्तेमाल विमान संचालन व संचार में बाधक हो सकता है। इसीलिए मोबाइल के इस्तेमाल के लिए 3000 फीट की उंचाई रखी गई है।
ट्राई ने भारतीय एयरस्पेस में इन-फ्लाइट सेवाओं के लिए ‘आइएफसी सर्विस प्रोवाइडर’ के रूप में एक नई श्रेणी प्रारंभ करने का सुझाव दिया है। आइएफसी सर्विस प्रोवाइडर को दूरसंचार विभाग में स्वयं को पंजीकृत कराना होगा। हालांकि उसके लिए भारतीय कंपनी होना जरूरी नहीं है।
भारतीय और विदेशी दोनों तरह के आइएफसी प्रोवाइडर के लिए एक जैसे नियम होंगे। विदेशी कंपनियों को भारत में कानूनी रूप से ऐसी सेवाएं शुरू करने के लिए सेटेलाइट गेटवे स्थापित करना होगा जो इन-केबिन इंटरनेट यातायात को इंटरसेप्ट कर उन्हें मानीटर करेगा। यह सेटेलाइट भारतीय भी हो सकता है और विदेशी भी।