भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अपने सुरक्षाकर्मी को कथित रूप से थप्पड़ मार कर धक्का देने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। यह घटना रविवार की है। शिवराज नगर पालिका चुनाव में प्रचार के लिए सरदारपुरा गए हुए थे। उन्होंने वहां रोड शो भी किया था। सड़क पर घूमते हुए अचानक शिवराज ने अपने एक सुरक्षाकर्मी को थप्पड़ मारा और उसे धक्का देकर एक तरफ कर दिया।
मुख्यमंत्री द्वारा सुरक्षा कर्मी को थप्पड़ मारे जाने का यह विडियो वायरल हो गया है और इस समय प्रदेश की राजनीति में चर्चा का विषय बना हुआ है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रमुख प्रवक्ता केके मिश्रा ने मुख्यमंत्री के खिलाफ धारा-332 और 353 के तहत मुकदमा दर्ज किए जाने की मांग की है।
केके मिश्रा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने अपनी ड्यूटी कर रहे एक सरकारी कर्मचारी पर हाथ उठाया है। यह कानूनन अपराध है। उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। उनका कहना है दो दिन पहले ही इंदौर की एक अदालत ने 12 साल पुराने मामले में एक व्यक्ति को दो साल कैद की सजा दी है। साथ में आर्थिक जुर्माना भी लगाया है। उस व्यक्ति ने 12 साल पहले ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस सब इंस्पेक्टर को थप्पड़ मारा था।
उन्होंने कहा कि कानून की नजर में सब बराबर है तो फिर मुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज होना चाहिए। पुलिस को इसके लिए किसी प्रमाण की जरूरत नहीं है। इस घटना का विडियो सब जगह मौजूद है। उन्होंने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ऋषि कुमार शुक्ला से कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ तत्काल मुकदमा दर्ज करके कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस संबंध में जब मुख्यमंत्री का पक्ष जानने के लिए मुख्यमंत्री निवास पर संपर्क किया गया तो वहां मौजूद अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री निवास पर तो हैं लेकिन वह इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।
उधर केके मिश्रा का कहना है कि मुख्यमंत्री ने यह कदम चुनाव में फायदा लेने के लिए उठाया है। वह प्रदेश की जनता को यह बताना चाहते हैं कि उनके लिए जनता सर्वोपरि है। जनता के लिए वह कुछ भी कर सकते हैं, इसीलिए सड़क पर चलते हुए अपने सुरक्षाकर्मी को थप्पड़ मारकर उसे धक्का दिया।
कांग्रेस नेता ने इस मामले में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से भी यह सवाल पूछा है कि एक तरफ वह सामाजिक समरसता का उपदेश देते घूम रहे हैं। दूसरी तरफ उनके मुख्यमंत्री बिना वजह अपनी सुरक्षाकर्मियों पर हाथ उठा रहे हैं। क्या यही संघ की समरसता है?