जयपुर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाड़मेर के पचपदरा में आज रिफाइनरी कार्य का शुभारंभ करेंगे। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस मौके पर मौजूद रहेंगे। वहीं कांग्रेस का आरोप है कि इस रिफाइनरी का शिलान्यास पहले ही तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कर चुकी हैं, फिर पीएम क्यों ऐसा कर रहे हैं।
इस 43,000 करोड़ रुपए की लागत वाली परियोजना के चार साल में पूरा होने के बाद इससे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष तौर पर 10,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। यह 9 एमएमटीपीए (मिलियन मिट्रिक टन प्रति साल) क्षमता वाली रिफाइनरी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) व राजस्थान सरकार का एक संयुक्त उद्यम है, इसके उत्पाद बीएस-वीआई उत्सर्जन के मानकों के अनुरूप होंगे।
रिफाइनरी को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 2013 में इसका शिलान्यास हो चुका है तो फिर पीएम इसे दोबारा क्यों कर रहे हैं। गहलोत ने कहा कि ऐसा करके मोदी अपने पद की गरिमा को गिरा रहे हैं। भाजपा आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका फायदा उठाना चाहती है। इस विवाद के बाद वितरित किए गए आमंत्रण पत्र में ‘कार्य शुभारंभ समारोह’ लिखा गया है। इस पर गहलोत ने कहा कि यह मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया सरकार का मुंह छिपाने जैसा कदम है।
2013 में विधानसभा चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने सोनिया गांधी को बुलाकर तेल रिफाइनरी का शिलान्यास करवाया था लेकिन वसुंधरा राजे ने सत्ता में आते ही इसे घाटे का सौदा बताकर बंद कर दिया। अब 2018 में विधानसभा चुनाव है तो वसुंधरा राजे ने 16 जनवरी को फिर से शिलान्यास करने के लिए पीएम मोदी को बुलाया है।