नई दिल्ली : 20 जनवरी से बैंकिंग सर्विसेज अभी से और ज्यादा महंगी हो सकती हैं। अभी तक जिन सुविधाओं का कोई शुल्क नहीं लगता है, उन पर भी बैंक ग्राहकों को शुल्क देना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शुल्क बढ़ाने के इंटरनल इंस्ट्रक्शंस बैंकों को मिल चुके हैं। अभी सभी बैंकों के बोर्ड इन इंस्ट्रक्शंस के मुताबिक अलग-अलग सेवाओं पर चार्जेस तय करेंगे।
सभी सरकारी और निजी क्षेत्र के बैंक शाखाओं में दी जाने वाली उन तमाम सेवाओं के लिए शुल्क वसूलने की तैयारी कर रहे हैं जो अब तक मुफ्त हैं। कुछ सुविधाओं के लिए शुल्क की समीक्षा होगी। इन सुविधाओं में पैसा निकालने, जमा करने, मोबाइल नंबर बदलवाने, केवाईसी, पता बदलवाने, नेट बैंकिंग और चेकबुक के लिए आवेदन करने जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
जिस शाखा में आपका खाता है, उससे इतर किसी दूसरी शाखा में जाकर बैंकिंग सेवा लेने पर भी अलग से शुल्क लिया जाएगा। शुल्क पर 18 फीसदी जीएसटी भी लगेगा।
यह चार्जेस लागू होते हैं तो आपके अकाउंट से सीधे शुल्क कटेगा। देशभर के अकाउंट होल्डर्स इससे प्रभावित होंगे। बैंक ग्राहक पहले ही कई तरह के चार्जेस दे रहे हैं। इसमें मिनिमम बैंलेंस न होने से लेकर एटीएम से निकाले जाने वाली राशी को लेकर लगने वाले चार्जेस तक शामिल हैं। ऐसे में यह नये चार्जेस ग्राहकों को और बड़ा झटका दे सकते हैं।
बैंक छोटी-छोटी सर्विसेज के चार्ज लेता है तो इससे ऑनलाइन सर्विसेज को बढ़ावा मिलेगा। फिर लोग हर काम के लिए बैंक जाने के बजाए ऑनलाइन ही इसे करना प्रिफर करेंगे। कई बैंकर्स ने इस कदम को सही ठहराया है। उनका कहना है कि होम ब्रांच के बजाए यदि कोई दूसरी ब्रांच से लेनदेन करता है तो उस पर चार्जेस लगना ही चाहिए।