ख़बर

यहाँ सफर करें ज़रा संभल के, 90 फीसदी से ज्यादा पॉकेटमार हैं हसीनाएं

नई दिल्ली : दिल्ली मेट्रो में अक्सर चोरी और पॉकेटमारी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। आए दिन पॉकेटमार मेट्रो में सफर कर रहे यात्रियों को अपना शिकार बना लेते हैं। इसी से जुड़ा एक चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (सीआईएसफ) ने साल 2017 में जितने भी पॉकेटमारों को दबोचा उसमें 90 फीसदी से ज्यादा महिलाएं थीं। आंकड़ों के मुताबिक सीआईएसएफ ने 1,311 पॉकेटमारों को पकड़ा, इनमें 1,222 महिलाएं थीं।

सीआईएसएफ के अधिकारियों ने कहा कि इन्हें पकड़ने के लिए एंटी थेफ्ट स्क्वॉड का गठन किया गया है। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इस तरह के मामलों में कोई कमी नहीं आई है क्योंकि गिरफ्तारियां कम हो गई हैं।

कैसे निशाना बनाती हैं महिला पॉकेटमार 

सीआईएसएफ के अधिकारियों ने बताया ये महिलाएं ग्रूप में होती हैं। लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए ये अक्सर गोद में बच्चे को लिए रहती हैं। ग्रुप में एक का काम होता है कि वो पॉकेट मारे और उस दौरान ग्रुप की दूसरी महिलाएं घेर कर खड़ी हो जाएं ताकि दूसरे मुसाफिर उनकी ये हरकत ना देख पाएं। पॉकेटमार अक्सर वैसे मेट्रो स्टेशन को चुनते हैं, जहां इंटरचेंज किया जाता है। मिसाल के तौर पर राजीव चौक, सेंट्रल सेक्रेटेरिएट, नई दिल्ली, चावड़ी बाजार और चांदनी चौक जैसे मेट्रो स्टेशन को चुनते हैं।

कई बार ऐसा भी होता कि पॉकेटमारों को पकड़ कर पुलिस को दे दिया जाता है लेकिन लोग उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं करवाते हैं तो छोड़ दिया जाता है। अगली बार फिर वो दूसरी जगह पकड़े जाते हैं। अधिकारियों ने बताया कि वो पॉकेटमारों के एक ही ग्रुप को कई बार दबोच चुके हैं।

गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो और उसके कॉमप्लेक्स के सिक्योरिटी की जिम्मेदारी सीआईएसएसफ के पास है। कई बार इनकी स्पेशल टीम मेट्रो में गश्त भी करती है। सीआईएसएफ के पास केस दायर करने का अधिकार नहीं है, इसलिए वे पॉकेटमारों को पकड़ कर पुलिस को सौंप देते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *