नई दिल्ली : अब रेलवे के लग्जरी कोच में सफर करना सपना नहीं रहेगा। रेलवे जल्द ही बेडरूम, किचन, लाउंज और टॉयलेट वाले अपने लग्जरी सैलून में आम लोगों को सफर करने का मौका दे सकता है। रेलवे ने अपने अफसरों को ऐसे दो कोच लाने की योजना बनाने को कहा है। इसका मकसद इस तरह के लग्जरी कोच में सफर को बढ़ावा देना है। अफसरों का कहना है कि इसके लिए पैसा लगेगा लेकिन यह बहुत ज्यादा नहीं होगा।
जानिए सैलून कोच होते क्या हैं?
– रेलवे के सलून कोच उसके वरिष्ठ अफसरों के लिए होते हैं।
– वे हादसे वाली जगह या दूर-दराज के इलाकों में जांच पर जाने के लिए इन कोच का इस्तेमाल करते हैं।
– देश के सभी रेलवे जोन में मौजूद सलून को मिलाकर ऐसे कुल 336 कोच हैं।
– इनमें से 62 वातानुकूलित हैं।
– एक सैलून में चार कर्मचारी होते हैं।
– इनमे सुरक्षा के लिए कर्मचारी भी लगाए जाते हैं।
– सैलून को रेलवे के सवारी डब्बों को ही विशेष डिजाइन देकर तैयार किया जाता है
सैलून कोच में क्या सुविधाए होती हैं?
– एक सैलून कोच में दो बेडरूम, एर लाउंज, एक पेंट्री कार, एक टॉयलेट और एक किचन होता है।
– एक डिब्बे में दो परिवार सफर कर सकेंगे।
सैलून कोच के रखरखाव में खर्च होते हैं करोड़ों
– इसके रखरखाव में हर साल करोड़ों का खर्च आता है।
– अगर सैलून कोच बंद हो जाएं तो रेलवे हर साल 1080 करोड़ कमा सकता है।
– 300 सैलून से बन सकती हैं 15 एसी स्पेशल ट्रेनें।
– एक स्पेशल ट्रेन का एक दिन का किराया तकरीबन 22 लाख होता है।
– एक साल का किराया 1080 करोड़ होता है।
नई दिल्ली में गुरुवार को बोर्ड के अध्यक्ष अश्विनी लोहानी की ट्रैवल और ट्रेड एसोसिएशन के साथ बैठक हुई। इसमें चर्चा की गई कि इन कोचों को उन आम लोगों के लिए किस तरह से प्रमोट किया जाए, जो एक अलग अंदाज में सफर करना चाहते हैं।
IRCTC तय करेगा किस रूट पर चलेगा सैलून कोच
लोहानी ने कहा कि इस तरह के सैलून में सफर करने की मांग उठ रही है। उन्होंने अपने अधिकारियों से दिल्ली में मौजूद ऐसे दो लग्जरी कोचों को पेश किए जाने की योजना तैयार करने को कहा है। इस बीच आइआरसीटीसी से पूछा गया है कि इन कोचों को किस रूट पर चलाया जाए। लोहानी ने बताया कि आइआरसीटीसी को इस तरह के कोच के लिए पुस्तिका तैयार करने को भी कहा गया है।