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इसलिए यहाँ लोगो ने खूब लगायें ठहाके, मंत्रमुग्ध रहें सभी

पटना : मैथिली रंगमंच में नाट्यसंस्था भंगिमा मैथिली रंगकर्म को समर्पित माना जाता है। कालिदास रंगालय पटना में भंगिमा द्वारा दो मैथिली नाटकों का मंचन किया गया जिसमें पहला था बाल नाटक सिमरिया डूब और दूसरा था गोनू गवाह।

दोनों नाटकों के मंचन को देख प्रेक्षागृह के दर्शक खूब ठहाका लगाए। दोनों नाटक हास्य व्यंग से ओतप्रोत था। नाटक के कलाकारों ने अपनी अपनी भूमिका को बखूबी निभाया।

सिमरिया डूब नाटक बाल नाटक था जो जाने-माने कवि तंत्र नाथ झा की रचना थी जिस का नाट्य रूपांतरण वरिष्ठ रंगकर्मी कुमार गगन में किया था। दूसरी प्रस्तुति गोनू गवाह थी जो महेंद्र मलंगिया की रचना को निर्देशित किया कुमार गगन ने।

जहां बाल नाटक सिमरिया डूब में नन्हे-मुन्हे कलाकारों ने हास्य व्यंग को दर्शाते हुए ढोंग और बनावटीपन पर अपनी भूमिका दिखाकर लोगों को हंसाया वही गोलू गवाह नाटक में आज समाज में व्याप्त आडंबर, अंधविश्वास और धूर्तता पर व्यंग करते हुए यह समझाने की कोशिश किया कि अपराधी से अधिक दोषी वो होते हैं जो अपराधी को संरक्षण देने और विस्तार करने के लिए षड्यंत्र रचता है। नाटक में इसी तरह के भूमिका को मूर्तरूप दे रहे थे पंडित मुसाई बाबू ( संजीव झा ) जिसका फल उसे समाज के बीच ज्ञानी गोनू झा के नाट्य बुद्धि से भुगतना पड़ा।

गोनू गवाह में भाग लेने वाले कलाकार थे : अनुराग कपूर , निशांत कुमार झा (सूत्रधार), संजीव झा (पंडित मुसाय बाबू), रंजन कुमार, अमित मिश्रा, अंकित झा, निखिल रंजन, अमित कुमार, कुणाल कुमार झा, माधव कुमार झा, रौनक झा , बैजू झा , क्षमाकांत ठाकुर, प्रीति कुमारी।

सिमरिया डूब नाटक में भाग लेने वाले कलाकार थे : श्रुति मिश्रा, स्तुति, मैथिली, कुशाग्र रंजन, सत्यम भारद्वाज, दीपिका भारद्वाज, मानस, संस्कृति और इसके निर्देशक थे निशांत कुमार झा।

One Response

  1. मै फिल्म एक्टर आपका न्यूज देखता हूं।बहुत अच्छा ,हार्दिक बधाई।

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