नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक ने पिछले साल 10 महीनों के भीतर मिनिमम बैलेंस चार्ज के तौर पर 1771 करोड़ रुपये वसूले। बता दें कि पिछले साल ही एसबीआई ने मिनिमम बैलेंस रखने के नियम को करीब 5 साल बाद लागू किया था।
मिनिमम बैलेंस का नियम लागू होने के बाद से आपको अपने बचत खाते में एक न्यूनतम रकम हमेशा रखनी पड़ती है, वरना आपके खाते से चार्ज कट जाता है। लेकिन अगर आप चाहें, तो इससे आप बच सकते है।
बहुत कम लोगों को पता है कि एसबीआई में कुछ ऐसे अकाउंट हैं, जहां आपको किसी भी तरह का मिनिमम बैलेंस नहीं रखना पड़ता। आप भी अपना मौजूदा सेविंग्स अकाउंट को इसमें कनवर्ट कर सकते हैं।
बेसिक सेविंग्स डिपोजिट अकांउट : आप एसबीआई के बेसिक सेविंग्स डिपोजिट अकाउंट के साथ एक नॉर्मल सेविंग्स अकाउंट की तरह ही सारी सुविधाओं का फायदा उठा सकते हैं। इसके साथ आपको रूपे डेबिट कार्ड मिलता है, जिस पर आपको किसी भी तरह का एनुअल चार्ज नहीं भरना पड़ता है।
इस अकाउंट को आप एसबीआई की किसी भी ब्रांच में जाकर खुलवा सकते हैं। इसके साथ आपको अन्य सेविंग्स अकांउट की तरह ही ब्याज मिलेगा।
जनधन खाता : दूसरा है जनधन खाता। इसमें भी आपको मिनिमम बैलेंस रखना अनिवार्य नहीं है। एसबीआई की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक इसके साथ आपको 1 लाख रुपये का इंश्योरेंस कवर भी मिलता है। जनधन खाते के साथ भी आपको रूपे डेबिट कार्ड मिलता है।
स्मॉल अकाउंट : अगर आपके पास सेविंग्स अकांउट खुलवाने के लिए जरूरी केवाईसी नहीं है, तो एसबीआई का स्मॉल अकाउंट आपके लिए है। यहां आपको न्यूनतम डॉक्युमेंट्स के साथ अकांउट खोलने का मौका मिलता है।
इसमें भी आपको मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि इसमें आप 50 हजार रुपये से ज्यादा बैलेंस नहीं रख सकते।
एसबीआई सैलरी अकाउंट : एसबीआई सैलरी अकाउंट में भी मिनिमम बैलेंस रखने की शर्त नहीं होती। हालांकि ये अकाउंट्स ज्यादातर कंपनियों की तरफ से उनके इम्प्लॉई के लिए खुलवाए जाते हैं, लेकिन अगर आपके पास भी एसबीआई का सैलरी अकांउट है, तो आपको मिनिमम बैलेंस रखने की चिंता से जूझने की जरूरत नहीं है।