नई दिल्ली : आरबीआई ने डिजिटल वॉलिट (ई-वॉलिट) और प्रीपेड इन्सट्रूमेंट यूजर्स के केवाईसी वेरिफेकेशन की मियाद 2 महीने बढ़ा दी है। अब डिजिटल वॉलिट प्रवाइडर कंपनियां फरवरी के अंत तक अपने यूजर्स का केवाईसी वेरिफकेशन कर सकती हैं। इससे पहले अक्टूबर में आरबीआई ने 31 दिसंबर 2017 तक मिनिमम यूजर्स का केवाईसी वेरिफिकेशन पूरा करने का आदेश दिया था। सूत्रों के अनुसार, ई-वॉलिट यूजर्स की भारी संख्या को देखते हुए इस डेडलाइन का पालन करने में कंपनियों को मुश्किल हो रही थी।
आरबीआई के इस फैसले से कंपनियों को राहत मिली है। देश के सबसे बड़े ई-वॉलिट सर्विस प्रवाइडर पेटीएम के केवल ऐंड्रॉइड पर ही लगभग 10 करोड़ यूजर्स हैं। पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा का कहना है कि पेटीएम के 5.2 करोड़ यूजर्स की केवाईसी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब पेटीएम ओटीपी बेस्ड केवाईसी लाने पर विचार कर रहा है। कंपनी का मानना है कि इससे तय समय में केवाईसी के टारगेट को पूरा करने में मदद मिलेगी।
केवाईसी टारगेट को पूरा करने में आ रही दिक्कतों के मद्देनजर पेंमेट्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने आरबीआई से केवाईसी वेरिफिकेशन की डेडलाइन बढ़ाने की मांग की थी। पमेंट्स काउंसिल का मानना था वेरिफिकेशन की डेडलाइन अगर नहीं बढ़ाई गई तो यूजर्स के अकाउंट फ्रीज होने का खतरा था, इससे लोगों की बेवजह परेशानी सामना करना पड़ेगा। आपको बता दें कि देश में अभी पेटीएम के अलावा मेबिक्विक, जियो,ओला जैसी कई कंपनियों के ई-वॉलिट्स यूजर्स के लिए उपल्ब्ध हैं।